असमी भाषा में लगे सरकारी होर्डिंग पर स्याही फेंकने को लेकर प्राथमिकी दर्ज

By भाषा | Published: October 19, 2021 05:36 PM2021-10-19T17:36:02+5:302021-10-19T17:36:02+5:30

FIR registered for throwing ink on government hoardings in Assamese language | असमी भाषा में लगे सरकारी होर्डिंग पर स्याही फेंकने को लेकर प्राथमिकी दर्ज

असमी भाषा में लगे सरकारी होर्डिंग पर स्याही फेंकने को लेकर प्राथमिकी दर्ज

सिलचर (असम), 19 अक्टूबर बांग्ला भाषी लोगों की बहुलता वाली बराक घाटी में असमी भाषा में लगे सरकारी होर्डिंग पर कथित रूप से स्याही फेंकने के आरोप में स्थानीय संगठनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को उक्त जानकारी दी।

बराक घाटी में 1960 की दशक से बांग्ला सहित तीन भाषाएं बोलने वाले करीब 36 लाख लोग रहते हैं, लेकिन सरकार ने यहां ‘जल जीवन मिशन’ से जुड़े साइनपोस्ट और होर्डिंग सिर्फ असमी भाषा में लगाए थे।

कछार की पुलिस अधीक्षक रमनदीप कौर ने बताया कि सिलचर कस्बे में होर्डिंग खराब करने को लेकर जल जीवन मिशन के अधिकारियों ने शिकायत दर्ज करायी है। उन्होंने कहा, ‘‘शिकायत के आधार पर हमने सिलचर सदर थाने में सोमवार को प्राथमिकी दर्ज कर ली।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जांच के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।’’

एक वीडियो में कथित कार्यकर्ता सीढ़ियों पर चढ़ते और सिलचर रेलवे स्टेशन के सामने असमी भाषा में लगे होर्डिंग को खराब करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने होर्डिंग पर ‘बांग्ला लिखनू’ (बांग्ला भाषा में लिखो) और दो संगठनों के नाम भी लिखे हैं।

बराक डेमोक्रेटिक युवा फ्रंट के नेता प्रदीप दत्ता रॉय ने प्राथमिकी पर प्रतिक्रिया देते हुए, 1960 की दशक में हुई भाषाई आंदोलन के बाद राज्य के इस हिस्से में सरकारी कार्यों के लिए बांग्ला का उपयोग करने का फैसला लिए जाने के बावजूद बराक घाटी में सरकारी विज्ञापन में सिफ असमी भाषा के उपयोग को लेकर सवाल उठाया।

बराक डेमोक्रेटिक युवा फ्रंट के अलावा ऑल बंगाली स्टूडेंट्स यूथ ऑर्गेनाइजेशन भी होर्डिंग खराब करने की घटना में कथित रूप से शामिल है।

सिलचर से सांसद राजदीप रॉय ने आरोप लगाया कि यह घटना राज्य में भाषा के नाम पर हिंसा भड़काने का प्रयास भी हो सकती है, साथ ही उन्होंने ‘‘लोगों से ऐसी किसी भी साजिश से बचने को कहा।’’

तृणमूल कांग्रेस की नेता सुष्मिता देव ने कहा कि वह होर्डिंग पर स्याही फेंकने का समर्थन नहीं करती हैं, लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि होर्डिंग ने भाषाई कानून का अपमान किया है।

‘असम सरकारी भाषा कानून, 1960’ ने असमी को राज्य की सरकारी भाषा के रूप में स्वीकार किया लेकिन राज्य में बांग्ला भाषी बहुलता वाले बराक घाटी में सभी प्रशासनिक और सरकारी कार्यों के लिए बांग्ला भाषा के उपयोग का भी प्रावधान इसमें किया गया। बराक घाटी में कछार, करीमगंज और हैलीकांडी जिले आते हैं।

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Web Title: FIR registered for throwing ink on government hoardings in Assamese language

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