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दिल्ली पुलिस ने कहा-ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ FIR नहीं, टूलकिट के लेखक पर हुआ केस...

By भाषा | Updated: February 4, 2021 21:05 IST

दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके बताया कि प्राथमिकी में किसी का नाम नहीं डाला गया है। प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में बताया गया कि 300 से ज्यादा ट्विटर हैंडल पर उसकी नजर थी।

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ठळक मुद्देदिल्ली पुलिस ने ऐसे सोशल मीडिया हैंडल के खिलाफ केस रजिस्टर किया था जो गलत जानकारी फैला रहे थे।पुल‍िस केे अनुुुुुसार, इस 'टूलकिट' के जरिये माहौल और भारत सरकार की छवि खराब करने की साजिश थी।दिल्ली पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि मामले में किसी को भी नामजद नहीं किया गया है।

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और अन्य लोगों द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए एक ‘टूलकिट’ के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि आरंभिक जांच में संकेत मिला है कि इस दस्तावेज का संबंध खालिस्तान समर्थक समूह के साथ है।

क्या थनबर्ग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है, यह पूछे जाने पर दिल्ली पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि मामले में किसी को भी नामजद नहीं किया गया है।

गायिका रिहाना और थनबर्ग समेत विश्व की जानी-मानी हस्तियों द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करने की पृष्ठभूमि में दिल्ली पुलिस का यह बयान आया है।

किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए पर्यावरण कार्यकर्ता थनबर्ग ने उन लोगों के लिए एक ‘‘टूलकिट साझा किया था, जो मदद करना चाहते हैं।’’

इस दस्तावेज में किसानों के समर्थन में ट्विटर पर ट्वीट की झड़ी लगाने और भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन करने की भी योजना तैयार की गयी थी।

विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) प्रवीर रंजन ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस को एक अकाउंट के जरिए एक दस्तावेज मिला है, जो एक ‘टूलकिट’ है। इसमें देश में सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने की बात कही गयी थी। आपराधिक साजिश, राजद्रोह और अन्य आरोपों पर इसके लेखक के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच से पता चला है कि एक खालिस्तानी समर्थक संगठन ने यह ‘टूलकिट’ तैयार किया।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अपलोड दस्तावेज में 26 जनवरी को और उससे पहले डिजिटल जगत में कई ट्वीट करने की बात कही गयी थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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