उज्जैन: राईस मिल के मालिक के विरुद्ध एफ.आई.आर.दर्ज
By बृजेश परमार | Published: December 4, 2019 01:59 AM2019-12-04T01:59:31+5:302019-12-04T01:59:31+5:30
गोदाम में भौतिक सत्यापन करने पर 283.50 क्विंटल तथा धान 12 बोरियों में भरी हुई वजन 6.00 क्विंटल जिसका सीएमआर चावल 4.02 क्विंटल (धान का 67 प्रतिषत) इस प्रकार राईस मिल में कुल 289.52 क्विंटल होना पाया गया है
मंगलम राईस मिल उज्जैन के मालिक श्री मनोज जैन पिता विजय कुमार जैन निवासी 232 बी वृन्दावनधाम उज्जैन के विरूद्ध अमानत में खयानत करने, शासन के चावल की अफरा-तफरी करने के कारण आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत पुलिस थाना चिमनगंज मण्डी उज्जैन में एफआईआर दर्ज की गई है ।
जिला आपूर्ति नियत्रंक एम.एल.मारू ने बताया कि विभाग के अधिकारियो की टीम ने जांच दौरान पाया कि मंगलम राईस मिल उज्जैन देवास रोड़, नागझिरी औद्योगिक क्षैत्र उज्जैन द्वारा मध्य प्रदेश चावल अधिप्राप्ति (उद्ग्रहण) आदेश 1970 के तहत निष्पादित अनुबंध के अनुसार खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में धान की कस्टम मिलिंग के अनुसार विपणन संघ जिला जबलपुर से प्राप्त धान 100 लाट मात्रा 40300.00 क्विंटल में से सीएमआर चावल शासन को प्रदाय 27000.97 क्विंटल जमा किया जाना था। किन्तु मिलर द्वारा 26175.70 क्विंटल ही चावल जमा किया गया है, 828.25 क्विंटल शेष है।
गोदाम में भौतिक सत्यापन करने पर 283.50 क्विंटल तथा धान 12 बोरियों में भरी हुई वजन 6.00 क्विंटल जिसका सीएमआर चावल 4.02 क्विंटल (धान का 67 प्रतिषत) इस प्रकार राईस मिल में कुल 289.52 क्विंटल होना पाया गया है, जो शेष स्टाक से 535.75 क्विंटल चावल कम है। राईस मिल मालिक उज्जैन द्वारा निर्धारित मात्रा का सीएमआर का चावल शासन को प्रदाय न करते हुयें मात्रा 535.75 क्विंटल चावल की अफरा तफरी/कालाबाजारी कर अमानत में खयानत किया गया है। राईस मिल को प्राप्त स्कंध की स्कंध पंजी एवं परिदान पंजी का संधारण नहीं किया गया है।
आपूर्ति अधिकारियों की टीम ने राईस मिल मालिक द्वारा बेचा गया चावल 27 नवम्बर को चिमनगंज मण्डी उज्जैन स्थित मेसर्स राजकुमार इंटरप्राजेस के यहां से 273.52 क्विटल चावल जप्त किया है। राईस मिल मालिक द्वारा मध्य प्रदेश चावल अधिप्राप्ति (उद्ग्रहण) आदेश 1970 की कण्डिका 3 (ब) के तहत मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 31 जनवरी 2019 की कण्डिका 3.2 व अधिसूचना के तहत जारी शासन द्वारा जारी आदेश क्रमांक भोपाल दिनांक 06 फरवरी, 2019 के बिन्दु क्रमांक 14 तथा अनुबंध की शर्तो का उल्लंघन होने से आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत प्रकरण बनाया गया है।