कांग्रेस के विधायक और उज्जैन महापौर पद के प्रत्याशी महेश परमार के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर, बोले- "मानहानी का केस करूंगा कलेक्टर के खिलाफ"
By बृजेश परमार | Published: July 8, 2022 10:14 PM2022-07-08T22:14:00+5:302022-07-08T22:22:37+5:30
उज्जैन नगरनिगम चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के उल्लंघन के आरोप में कांग्रेस के विधायक और मेयर प्रत्याशी महेश परमार के विरूद्ध दर्ज हुआ केस।
उज्जैन: महापौर पद के कांग्रेस प्रत्याशी एवं विधायक महेश परमार के विरूद्ध जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह की रिपोर्ट पर माधवनगर थाना में प्रकरण दर्ज किया गया है।
यह प्रकरण राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के उल्लंघन के मामले में दर्ज किया गया है। मामले में दो नोटिस जिला निर्वाचन की और से जारी किए गए थे जिनका जवाब नहीं मिलने पर एफआईआर दर्ज करवाई गई।
जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश हैं कि कोई भी व्यक्ति मतदान समाप्ति के लिये नियत किये गये समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटे की कालावधि के दौरान चलचित्र/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या प्रिंट मीडिया या अन्य किसी साधन से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन सम्बन्धी बात का प्रदर्शन नहीं करेगा।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महापौर पद के प्रत्याशी महेश परमार को 5 जुलाई को नोटिस जारी करने के बाद भी 5 जुलाई व 6 जुलाई को लगातार विज्ञापन विभिन्न अखबारों में प्रकाशित करना पाये गये, जो कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-126 एवं मप्र स्थानीय प्राधिकारी (निर्वाचन अपराध) अधिनियम-1964 अद्यतन-2014 के अन्तर्गत अपराध की श्रेणी में आता है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने इस सम्बन्ध में कार्यवाही करते हुए महापौर प्रत्याशी महेश परमार के विरुद्ध निर्वाचन अपराध की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज करने के लिए टी आई माधवनगर को निर्देश दिए गए थे। एसएसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल के अनुसार जिला निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट लेकर गुरूवार को फरियादी एसडीएम संजीव पिता हरिराम साहू 39 वर्ष निवासी बसंत बिहार कालोनी उज्जैन ने माधवनगर थाना में पुलिस को प्रकरण दर्ज करवाया है।
मामले में अपराध क्रमांक 338/22 भादवि की धारा 188,मप्र स्थानीय प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 3,निर्वाचन अपराध अधिनियम 1964 की धारा 126,लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 51,89 में प्रकरण दर्ज किया गया है।
एफआईआर दर्ज होने को लेकर प्रत्याशी एवं विधायक महेश परमार ने कहा कि प्रदेश में दौ तरफा नियम चलाए जा रहे हैं। अन्य जिलों में भी यही हुआ सिर्फ मुझ पर प्रकरण दर्ज करना प्रशासन की बौखलाहट को सामने ला रहा है। विज्ञापन मैने व्यक्तिगत नहीं दिए मेरे दल की और से दिए गए हैं। मैं जिम्मेदार अधिकारियों पर मानहानि दायर करके उन्हें न्यायालय तक ले जाऊंगा। मैं विधायक हूं, मेरे खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के पहले विधानसभा अध्यक्ष से अनुमति ली जाना थी, जो नहीं ली गई है।