Yes Bank crisis: येस बैंक में क्या गलत हुआ, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- RBI पता लगाएगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 6, 2020 07:07 PM2020-03-06T19:07:38+5:302020-03-06T19:07:38+5:30
रिजर्व बैंक द्वारा येस बैंक के बोर्ड को भंग करने और जमा खाताधारकों की निकासी सीमा तय करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक की 2017 से निगरानी की जा रही थी और इससे संबंधित गतिविधियों की हर दिन निगरानी की गई।
नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से यह पता लगाने के लिए कहा है कि येस बैंक में क्या गलत हुआ और इसमें व्यक्तिगत स्तर पर जवाबदेही तय की जानी चाहिये।
रिजर्व बैंक द्वारा येस बैंक के बोर्ड को भंग करने और जमा खाताधारकों की निकासी सीमा तय करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक की 2017 से निगरानी की जा रही थी और इससे संबंधित गतिविधियों की हर दिन निगरानी की गई।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 2017 से बैंक में प्रशासन संबंधी मसले, कमजोर अनुपालन, गलत परिसंपत्ति वर्गीकरण जैसी स्थिति को पाया। उन्होंने कहा कि कर्ज के जोखिम भरे फैसलों का पता चलने के बाद रिजर्व बैंक ने येस बैंक प्रबंधन में बदलाव का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि ये फैसले बैंक के हित में किए गए और सितंबर 2018 में एक नए सीईओ की नियुक्ति हुई। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को भी येस बैंक में अनियमितताओं का पता चला। सीतारमण ने कहा कि सरकार चाहती है कि रिजर्व बैंक तात्कालिकता की भावना के साथ यथोचित कानूनी प्रक्रिया सुनिश्चित करे।
उन्होंने कहा कि पुनर्गठन योजना 30 दिनों में पूरी तरह प्रभावी हो जाएगी और एसबीआई ने येस बैंक में निवेश करने की इच्छा जताई है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि येस बैंक के कर्मचारियों की नौकरी, वेतन एक साल तक सुरक्षित रहने का आश्वासन दिया गया है। उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, डीएचएफएल, आईएलएफएस, वोडाफोन उन संकटग्रस्त कंपनियों में शामिल हैं, जिन्हें येस बैंक ने कर्ज दिया था।
Finance Minister Nirmala Sitharaman: #YesBank lent money to some of the very stressed corporations like Anil Ambani Group, Essel, Dewan Housing Finance Corporation (DHFL), Infrastructure Leasing & Financial Services Limited (IL&FS), and Vodafone. pic.twitter.com/D7a5tzuYS9
— ANI (@ANI) March 6, 2020
‘एसबीआई ने येस बैंक में निवेश की इच्छा जताई, रणनीतिक निवेशक को लेनी होगी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी’
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने संकट में फंसे निजी क्षेत्र के येस बैंक में निवेश की इच्छा जताई है। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को ‘येस बैंक लि. पुनर्गठन योजना, 2020’ के मसौदे में यह भी कहा है कि रणनीतिक निवेशक बैंक को येस बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी लेनी होगी।
निवेशक बैंक येस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को पूंजी डालने के दिन से तीन साल तक 26 प्रतिशत से नीचे नहीं ला सकता है। मसौदे में कहा गया है कि प्रभावी तारीख से निजी क्षेत्र के इस बैंक की अधिकृत पूंजी 5,000 करोड़ रुपये पर होगी। बैंक के शेयरों की संख्या 2,400 करोड़ रहेगी और इनका अंकित मूल्य दो रुपये प्रति शेयर होगा।
इस मसौदे पर अंशधारकों से नौ मार्च तक टिप्पणियां मांगी गई हैं। इसमें कहा गया है कि निवेशक बैंक को पुनर्गठित बैंक में इतना इक्विटी निवेश करने की जरूरत होगी, जिससे निवेश के बाद उसकी बैंक में हिस्सेदारी 49 प्रतिशत रहे। यह निवेश 10 रुपये से कम (दो रुपये के अंकित मूल्य पर) पर नहीं होगा। इसमें आठ रुपये का प्रीमियम होगा।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि एसबीआई ने येस बैंक में निवेश की इच्छा जताई है और वह बैंक की पुनर्गठन योजना में भागीदारी का इच्छुक है। एक दिन पहले ही रिजर्व बैंक ने येस बैंक पर तमाम अंकुश लगाते हुए बैंक के जमाकर्ताओं के लिए तीन अप्रैल तक निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है। रिजर्व बैंक ने बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया। इसके साथ ही एसबीआई के पूर्व उप प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।