फाइव स्टार होटल जैसा है फर्रुखाबाद की जिला जेल का खाना, FSSAI ने दिया 'फाइव-स्टार' रेटिंग वाला प्रमाणपत्र
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 2, 2022 04:01 PM2022-09-02T16:01:34+5:302022-09-02T16:13:21+5:30
भारतीय खाद्य सरंक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से इसे "फाइव-स्टार’’ (उत्कृष्ट) रेटिंग मिली है। प्रमाण पत्र पर उपरोक्त पंक्ति के बाद ‘5(फाइव) स्टार’ और उत्कृष्ट लिखा हुआ है। प्रमाण पत्र 18 अगस्त 2024 तक वैध है।
फर्रुखाबादः यूपी केफर्रुखाबाद जिला जेल में परोसे जानेवाले खाने को फाइव स्टार रेटिंग मिली है। बताया जा रहा है कि जिला जेल फतेहगढ़ में बंद 1,100 से अधिक कैदियों को परोसे जाने वाले भोजन में काफी बदलाव आया है। भारतीय खाद्य सरंक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से इसे "फाइव-स्टार’’ (उत्कृष्ट) रेटिंग मिली है। एफएसएसएआई प्रमाणपत्र में लिखा है, "जिला जेल फतेहगढ़, फर्रुखाबाद को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा स्थापित दिशानिर्देशों के अनुसार ईट राइट कैंपस के रूप में प्रमाणित किया गया है।"
प्रमाण पत्र पर उपरोक्त पंक्ति के बाद ‘5(फाइव) स्टार’ और उत्कृष्ट लिखा हुआ है। प्रमाण पत्र 18 अगस्त 2024 तक वैध है। देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर जेल ने जो उपलब्धि हासिल की, उसके बारे में बताते हुए, फतेहगढ़ जिला जेल के जेलर, अखिलेश कुमार ने पीटीआई भाषा को बताया, "हमें 18 अगस्त, 2022 को प्रमाण पत्र मिला, और यह 18 अगस्त 2024 तक वैध है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘हमें थर्ड पार्टी ऑडिट के बाद सर्टिफिकेट मिला और सर्टिफिकेट दिए जाने से पहले जेल के कुछ कर्मचारियों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई।"
हर दिन कैदियों को अलग-अलग तरह का खाना दिया जाता है
अखिलेश कुमार ने कहा, ‘‘प्रमाण पत्र प्राप्त करने से पहले जिन मानदंडों पर उन्हें आंका गया, उनमें स्वच्छता, भोजन की गुणवत्ता, एफएसएसएआई-प्रमाणित दुकानों से चावल, गेहूं और दाल की खरीद आदि शामिल हैं।’’ जेल में परोसे जाने वाले भोजन के बारे में कुमार ने बताया कि "जेल में शाकाहारी भोजन परोसा जाता है । हर दिन कैदियों को अलग-अलग तरह का खाना दिया जाता है। दालों में अरहर, मसूर, चना और उड़द बारी-बारी से कैदियों को परोसा जाता है। नाश्ते के लिए, दो दिन चना, दो दिन पाव रोटी और तीन दिन दलिया परोसा जाता है।’’
पहले, तीसरे और आखिरी रविवार की शाम को पूरी, सब्जी और हलवा परोसा जाता है
उन्होंने कहा, "जहां तक रविवार का सवाल है, पहले, तीसरे और आखिरी रविवार की शाम को पूरी, सब्जी और हलवा परोसा जाता है। दूसरे रविवार को कढ़ी -चावल परोसा जाता है।" अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में, जिला जेल में बंद 1,144 कैदी हैं और इनमें से 30 से 35 बाकी कैदियों के लिए खाना बनाते हैं। जेलर ने कहा, "ये कैदी खुद को एप्रन में ढककर खाना बनाते हैं, जैसा कि विभिन्न रेस्तरां में देखा जाता है। यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाता है कि जो लोग खाना बनाते हैं, उनके नाखून और बाल कटे हों और पूरी तरह से साफ सुथरे हों।’’
प्रतिदिन पकाए गाए खाने की जांच होती है
उन्होंने बताया कि खाना पकाने के पारंपरिक तरीकों की जगह रोटी बनाने की मशीन, आटा गूंथने की मशीन और सब्जी काटने की मशीनों के साथ जेल में खाना पकाने में भी बदलाव आया है। कुमार ने कहा कि प्रतिदिन जो खाना पकाया जाता है, उसकी जांच की जाती है, और दावा किया कि कैदी उस भोजन से संतुष्ट हैं जो उन्हें परोसा जाता है। यह पूछे जाने पर कि क्या स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के अवसर पर कुछ विशेष पकवान पकाये जाते हैं, इस कुमार ने बताया कि इस बार 15 अगस्त को विशेष दावत का आयोजन किया गया था और इस दिन जेल कर्मचारियों और कैदियों ने एक साथ खाना खाया था। ।" इस बीच, एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण सिंघल ने पीटीआई भाषा बताया कि जिला जेल फतेहगढ़ फर्रुखाबाद को ईट राइट कैंपस सर्टिफिकेट मिल गया है।