जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन के पिता अब्दुल गनी पर लोन घाटी में बंदूक लाने के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बताया 'जब पूर्व राज्यपाल जगमोहन ने मुझे निलंबित किया था। तब उसके (सज्जाद लोन) वालिद अब्दुल गनी मेरे पास आए थे। उन्होंने कहा था कि वह पाकिस्तान से बंदूक लाएंगे। हालांकि उस वक्त मैंने उन्हें काफी समझाया। लेकिन वह माने नहीं थे '
बता दें कि नेशनल कांफ्रेस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को भारत और पाकिस्तान से अनुरोध किया कि ‘करतारपुर कॉरिडोर की भावना का अनुकरण’ करते हुए जम्मू कश्मीर से जुड़े नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा के सभी रास्तों को खोलें। अब्दुल्ला ने कहा कि इस पहल से ना केवल सीमा की दोनों तरफ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ताना रिश्तों की लौ फिर जलाएगा।
उत्तर कश्मीर में बारामूला के दीवान बाग में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं भारत और पाकिस्तान की सरकारों से अनुरोध करता हूं कि दोनों देशों के बीच पारंपरिक रास्तों को खोला जाये।'श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों में आपस में संबंध बढ़ाया जाये और आत्म विश्वास बढ़ाने के अन्य उपाय लंबे वक्त के ‘शक-संदेह’ को दूर कर सकते हैं।
नेशनल कांफ्रेस के अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी की कभी सत्ता की लालसा नहीं रही और कभी उसने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए पर समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमारे संस्थाओं की स्वायत्तता, उनका पदानुक्रम और उनके आधारभूत ढांचे को कमजोर करने का कार्य कर रही ताकतों के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाना हमारा एकमात्र उद्देश्य था।