कश्मीर में रहने वाले गैर-कश्मीरियों को मतदान का अधिकार देने पर गरमाई सियासत, फारूक अब्दुल्ला ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

By शिवेंद्र राय | Published: August 18, 2022 05:04 PM2022-08-18T17:04:55+5:302022-08-18T18:22:01+5:30

जम्मू-कश्मीर में बाहर के लोगों को मताधिकार देने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है। आज एक अहम घोषणा करते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी हृदेश कुमार ने कहा था कि राज्य में रह रहे बाहरी लोग भी मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराकर मतदान में हिस्सा ले सकते हैं।

Farooq Abdullah convenes all-party meet over inclusion of non-local voters in J&K | कश्मीर में रहने वाले गैर-कश्मीरियों को मतदान का अधिकार देने पर गरमाई सियासत, फारूक अब्दुल्ला ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला

Highlightsफारूक अब्दुल्ला ने 22 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलाईबैठक में भाजपा को नहीं बुलाया गयापीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती भी जता चुकी हैं नाराजगी

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में बाहर के लोगों को मताधिकार देने के मुद्दे पर सियासत गर्म हो गई है। मतदाता सूची में बाहरी मतदाताओं को शामिल करने के मुद्दे पर नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने 22 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी देते हुए कहा गया, "डॉ फारूक अब्दुल्ला ने मतदाता सूची में गैर-स्थानीय लोगों को शामिल करने के संबंध में जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा हाल की घोषणा पर चर्चा करने के लिए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से नेताओं से बात की और उनसे 22 अगस्त को सुबह 11 बजे बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया।"

नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा इस मुद्दे पर डॉ फारूक अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी के अलावा केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों से बात की है और उन्हें बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

 क्या है पूरा मामला

एक अहम घोषणा करते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी हृदेश कुमार ने कहा कि राज्य में रह रहे बाहरी लोग भी मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराकर मतदान में हिस्सा ले सकते हैं। चुनाव आयोग के फैसले के मुताबिक मतदान करने लिए गैर-कश्मीरी लोगों को निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। हृदेश कुमार ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षा बल के जवान भी मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं।

हृदेश कुमार ने कहा कि राज्य में किराये पर रह रहे लोगों के पास भी मतदान का अधिकार है। उन्होंने कहा,  “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई जम्मू कश्मीर में कितने समय से रह रहा है। गैर स्थानीय जम्मू कश्मीर में रह रहा है या नहीं इस पर अंतिम फैसला चुनाव पंजीकरण कार्यालय करेगा। यहां किराए पर रहने वाले भी मतदान कर सकते हैं।”

अब इसी फैसले का क्षेत्रीय पार्टियां विरोध कर रही हैं। फारूक अब्दुल्ला के अलावा पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने भी इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा,  "पहले जम्मू-कश्मीर में चुनावों को स्थगित करने का भारत सरकार का निर्णय और अब गैर स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देना, यह भाजपा के पक्ष में चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के संकेत हैं। असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करने के लिए जम्मू-कश्मीर पर सख्ती से शासन करना जारी रखना है।"

Web Title: Farooq Abdullah convenes all-party meet over inclusion of non-local voters in J&K

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