प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे किसान, लेकिन आत्म-सम्मान की भी रक्षा करेंगे: टिकैत बंधु
By भाषा | Updated: January 31, 2021 20:33 IST2021-01-31T20:33:19+5:302021-01-31T20:33:19+5:30

प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे किसान, लेकिन आत्म-सम्मान की भी रक्षा करेंगे: टिकैत बंधु
नयी दिल्ली, 31 जनवरी कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे टिकैत भाइयों ने रविवार को कहा कि किसान प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे, लेकिन वे आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
नरेश और राकेश टिकैत का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही कहा था कि सरकार से किसानों की बातचीत में महज ‘‘एक फोन कॉल की दूरी’’ है।
टिकैत बंधुओं ने कहा कि वे ‘बीच का रास्ता’ निकालने के लिए सरकार के साथ बातचीत को तैयार हैं। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष और बड़े भाई नरेश टिकैत ने कहा कि बीच का रास्ता यह हो सकता है कि भाजपा सरकार अपने शासनकाल में तीनों कानूनों को लागू नहीं करे।
छोटे भाई और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि इस मुद्दे का एक ‘सम्मानपूर्ण समाधान’ निकाला जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे दबाव में किसी बात पर रजामंद नहीं होंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के कुछ दिन बाद शनिवार को कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों के लिए उनकी सरकार का प्रस्ताव अब भी बरकरार है और बातचीत में महज ‘‘एक फोन कॉल की दूरी’’ है।
राकेश टिकैत ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे। किसान नहीं चाहते कि सरकार या संसद उनके आगे झुकें।’’
हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों के आत्म-सम्मान की रक्षा हो।’’
गणतंत्र दिवस पर अनेक प्रदर्शनकारी लाल किले के अंदर पहुंच गये थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम में लाल किले की घटना का जिक्र किया और कहा कि देश गणतंत्र दिवस पर तिरंगे के अपमान से दु:खी है।
टिकैत बंधुओं ने भी गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की निंदा की और कहा कि यह अस्वीकार्य है। हालांकि उन्होंने आरोप लगाया कि यह हिंसा एक षड्यंत्र का नतीजा थी।
उन्होंने कहा कि तिरंगा सबसे ऊपर है और वे कभी किसी को इसका अपमान नहीं करने देंगे।
दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में करीब 40 मामले दर्ज किए हैं और 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को ‘‘हमारे लोगों को रिहा करना चाहिए और वार्ता के अनुकूल माहौल तैयार करना चाहिए।’’
नरेश टिकैत ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘वार्ता जरूरी है। समाधान निकलना चाहिए। ये किसान दो महीने से अधिक वक्त से प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग पूरी होनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बीच का रास्ता यह हो सकता है कि भाजपा सरकार किसानों को आश्वासन दे कि वह अपने शासनकाल में तीनों कानून को लागू नहीं करेगी। हम भी किसानों को मनाने का प्रयास करेंगे। इससे बेहतर क्या हो सकता है?’’
नरेश टिकैत ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री के पद का सम्मान करते हैं। किसानों का भी सम्मान होना चाहिए।’’
टिकैत बंधु देश के बड़े किसान नेता दिवंगत महेंद्र सिंह टिकैत के पुत्र हैं।
क्या किसानों के प्रदर्शन का पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीति पर कोई असर पड़ेगा, इस सवाल के जवाब में नरेश टिकैत ने कहा कि चुनाव किसानों के लिए उनकी आवाज सुने जाने का मौका होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वे किसी को भी वोट देने के लिए स्वतंत्र हैं। हम उनसे किसी पार्टी विशेष के लिए मतदान करने को नहीं कह सकते। अगर किसी पार्टी ने उन्हें आहत किया है तो वे उसे सत्ता में वापस क्यों लाएंगे?’’
इस बीच गाजीपुर में यूपी गेट स्थित प्रदर्शन स्थल पर रविवार को और टेंट पहुंचे। आसपास के क्षेत्रों से यहां किसानों की आमद जारी है।
कई लोगों को राकेश टिकैत से बातचीत के लिए या उनके साथ सेल्फी के लिए घंटों तक इंतजार करते देखा गया।
भाकियू के एक नेता ने कहा कि राकेश टिकैत पिछले तीन दिन से एक दिन में तीन घंटे से ज्यादा नहीं सो पाए हैं।
भाकियू सदस्य ने कहा, ‘‘इस बीच उन्हें रक्तचाप संबंधी समस्या भी हुई, लेकिन अब वह ठीक हैं।’’
प्रदर्शनस्थल पर किसानों के छोटे समूहों ने तिरंगे लेकर और नारेबाजी करते हुए मार्च निकाला।
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