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हड़तालः गुस्साए किसानों ने सड़कों पर फेंकी सब्जिया और फल, व्यापारियों का फैलाया दूध

By रामदीप मिश्रा | Updated: June 1, 2018 15:29 IST

पंजाब के लुधियाना जिले में शहर की ओर दूध ले जा रहे दुग्ध व्यापारियों का सड़क पर दूध फैला दिया गया।

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नई दिल्ली, 1 जूनः किसान आज से कई राज्यों में हड़ताल पर है, जिसका सबसे ज्यादा शुक्रवार को असर पंजाब में देखने को मिला है। यहां सूबे के फरीदकोट में किसानों ने सब्जी, दूध और फल जैसी चीजों को बाजार में नहीं भेजने के लिए प्रदर्शन किया। साथ ही साथ सड़क पर उतरकर विरोध जताया और कई किसानों ने अपनी सब्जियों और फलों को सड़क पर फैला दिया। किसानों की मांग है कि उनका कर्ज माफ किया जाए और स्वामीनाथन रिपोर्ट की रिफारिशें लागू की जाएं।वहीं, सूबे के लुधियाना जिले में शहर की ओर दूध ले जा रहे दुग्ध व्यापारियों का सड़क पर दूध फैला दिया गया। किसानों की ओर से ऐसा इसलिए किया गया है कि दूध के व्यापारियों ने हड़ताल में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था और इन लोगों ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी। हालांकि किसानों ने कुछ दूध व्यापारियों साथ ही साथ कइयों से समझाइश कर वापस भेजा गया है। गुस्साए किसान किसी को भी शहर में सब्जी, फल और दूध की सप्लाई नहीं करने दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसी तरह के हालात बने रहे तो लोगो को रोजमर्रा की चीजों को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। किसान नेताओं ने 1 से 10 जून तक अपने गांव को सील करने का निर्णय लिया है।

मालूम हो कि चंडीगढ़ में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के किसान संगठनों से जुड़े कई किसान नेता इकट्ठे हुए थे और एग्रीकल्चरल एक्टिविस्ट देवेंद्र शर्मा की अगुवाई में इस हड़ताल का ऐलान किया गया था। हड़ताल के दौरान किसान  1 जून से लेकर 10 जून तक गांव को पूरी तरह से सील करेंगे और किसी को भी गांव से बाहर सामान सप्लाई करने की परमिशन नहीं है। 

किसान संगठनों की ओर से यह भी कहा गया है कि जब तक बहुत ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती तब तक किसान गांव के बाहर भी नहीं जाएंगे। इस दौरान किसानों से अपील की गई कि वे हड़ताल के दौरान फल, फूल, सब्जी और अनाज को अपने घरों से बाहर न ले जाएं, और न ही वे शहरों से खरीदी करें और न गांवों में बिक्री करें।

दरअसल, किसान नेताओं का कहना है कि पिछले लंबे वक्त से स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करवाने और किसानों की आमदनी को बेहतर करवाने के लिए सरकार से लगातार गुहार लगाते रहे हैं। किसान इस तरह का आंदोलन करने को मजबूर हो गए हैं।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल इसी महीने में मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों ने आंदोलन किया था, जिसमें पुलिस के गोली चलाने से छह किसानों की जान चली गई थी। यह आंदोलन फसलों के दाम बढ़ाने की मांगों को लेकर किया गया था। 

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