जंतर-मंतर पर आज से बैठेगी 'किसान-संसद', सुरक्षा के कड़े इंतजाम, जानें किन शर्तों के साथ प्रदर्शन की मिली इजाजत
By विनीत कुमार | Published: July 22, 2021 07:42 AM2021-07-22T07:42:37+5:302021-07-22T07:53:06+5:30
किसानों को जंतर-मंतर पर आज से प्रदर्शन करने की इजाजत मिल गई है। किसानों को बसों से रोज सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर लाया जाएगा। इसके बाद शाम को उन्हें वापस सिंघू बॉर्डर भेज दिया जाएगा।
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के इजाजत आखिरकार बुधवार को दे दी गई। ये इजाजत इस शर्त पर दी गई है कि प्रदर्शन करने वाले सिंघु बॉर्डर से बस में पुलिस के साथ जंतर-मंतर तक आएंगे।
दरअसल ये बड़ी चिंता थी कि जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति मिलने के बाद कहीं 26 जनवरी जैसी स्थिति राजधानी में न बन जाए। बहरहाल, अब इजाजत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
किसानों ने संसद के जारी मॉनसून सत्र के दौरान प्रदर्शन की बात कही थी। मॉनसून सत्र इसी सोमवार को शुरू हुआ है और ये 13 अगस्त को खत्म होगा। हालांकि, किसानों को 9 अगस्त तक प्रदर्शन करने की अनुमति मिली है।
किसानों और दिल्ली के बीच किन बातों पर बनी सहमति
- दिल्ली पुलिस के अनुसार संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) से कई दौर की बातचीत और इनसे लिखित आश्वासन लेने और डीडीएमए के अप्रूवल के बाद किसानों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति दी गई है।
- शर्तों के अनुसार जंतर-मंतर पर किसान सीमित संख्या में होंगे। इनमें एसकेएम संगठन से 200 लोग शामिल हो सकते हैं। वहीं केएमएससी से 6 लोग रहेंगे।
- किसान जंतर-मंतर पर ये प्रदर्शन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक कर सकते हैं। इन्हें हर दिन सिंघु बॉर्डर से प्रदर्शन स्थल बसों द्वारा पुलिस की सुरक्षा में लाया जाएगा।
- प्रदर्शन के दौरान कोविड प्रोटोकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। साथ ही किसानों को कहा गया है कि वे कोविड को देखते हुए किसी तरह का मार्च आदि नहीं निकालेंगे। दिल्ली पुलिस ने तमाम ऐसे इंतजाम किये हैं ताकि विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे।
जंतर-मंतर पर बैठेगी 'किसान संसद'
दिल्ली पुलिस के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने भी एक प्रेस रिलीज जारी की और कहा कि गुरुवार से 200 किसानों का ग्रुपर जंतर-मंतर पर मॉनसून सत्र के दौरान हर दिन 'किसान संसद' आयोजित करेगा।
वहीं मंगलवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद, एक किसान यूनियन के नेता ने कहा था कि वे कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे और कोई भी प्रदर्शनकारी संसद नहीं जाएगा।
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसान संगठनों की मांगों को उजागर करने के के लिये 26 जनवरी को आयोजित ट्रैक्टर परेड राजधानी की सड़कों पर अराजक हो गई थी, क्योंकि हजारों प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिये थे, पुलिस से भिड़ गए थे और लाल किले की प्राचीर पर एक धार्मिक ध्वज फहराया था।
वहीं, कानून खत्म कराने को लेकर किसान यूनियनों की सरकार के साथ 10 दौर से अधिक की बातचीत हो चुकी है लेकिन यह दोनों पक्षों के बीच गतिरोध को तोड़ने में विफल रही है।