Farmers Protest: किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल, शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 8, 2024 14:36 IST2024-12-08T14:32:19+5:302024-12-08T14:36:20+5:30

Farmers Protest: हरियाणा पुलिस ने पहले किसानों से आगे न बढ़ने को कहा था और अंबाला प्रशासन द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत लागू निषेधाज्ञा का हवाला दिया था। 

Farmers again started march from Shambhu border towards Delhi Use of tear gas to stop farmers | Farmers Protest: किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल, शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसान

Farmers Protest: किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल, शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसान

Farmers Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते 101 किसानों के एक समूह ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू प्रदर्शन स्थल से रविवार दोपहर 12 बजे के बाद दिल्ली के लिए अपना पैदल मार्च फिर शुरू किया। हरियाणा पुलिस ने हालांकि किसानों को कुछ मीटर चलने के बाद लगाए गए अवरोधक पर रोक दिया। 

हरियाणा पुलिस ने किसानों से पैदल मार्च निकालने के लिए जरूरी अनुमतिपत्र दिखाने को कहा। हरियाणा पुलिस ने पहले किसानों से आगे न बढ़ने को कहा था और अंबाला प्रशासन द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत लागू निषेधाज्ञा का हवाला दिया था। 

इस निषेधाज्ञा के तहत पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध होता है। पंजाब-हरियाणा सीमा पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने के कारण कुछ किसानों के घायल होने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया था। 

किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं। वे केंद्र पर अपने मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत शुरू करने का भी दबाव बना रहे हैं। पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को कहा था कि किसानों को उनके मुद्दों पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है। 

हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिए उन्हें प्रदर्शन स्थल से कुछ दूरी पर रोका जाए जिससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने में भी आसानी होगी। ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (गैर-राजनीतिक) और ‘किसान मजदूर मोर्चा’ के आह्वान पर 101 किसानों के जत्थे ने अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए शुक्रवार को शंभू बॉर्डर स्थित अपने विरोध स्थल से दिल्ली के लिए मार्च शुरू किया था। हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए बहुस्तरीय अवरोधकों की मदद से जत्थे को रोक दिया गया था।

किसानों ने निषेधाज्ञा को अनदेखा कर अवरोधकों को पार करने का प्रयास किया लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया और आंसू गैस के गोले दागे ताकि किसान शंभू में अपने विरोध स्थल पर वापस चले जाएं। किसानों ने पूर्व में कहा था कि उन्होंने सरकार से अपील की है कि या तो वह प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत करें या फिर ‘‘हमें दिल्ली जाने की अनुमति दे।’’

वहीं हरियाणा पुलिस ने कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों ने हंगामा किया और हरियाणा की सीमा पर लगाए गए पुलिस अवरोधकों को तोड़ने की भी पूरी कोशिश की। अंबाला पुलिस ने कहा था कि किसान संगठनों को दिल्ली प्रशासन से अनुमति लेने के बाद ही दिल्ली कूच करना चाहिए। किसानों के मार्च से कुछ समय पहले ही हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को अंबाला जिले के 11 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और ‘बल्क एसएमएस’ (एक साथ कई एमएसएस भेजने की सुविधा) सेवा को नौ दिसंबर तक निलंबित कर दिया।

प्रदर्शनकारी किसानों ने इससे पहले 13 फरवरी और 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करने का प्रयास किया था लेकिन सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया था। किसान एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों एवं खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं।

किसान 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।

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