पटियाला:पंजाब-हरियाणा सीमा पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन में हुई पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प में कथिततौर से मारे गये युवा किसान शुभकरण सिंह का विवाद अब और भी गहराता जा रहा है।
इस संबंध में किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जब तक मारे गये युवक की मौत का इंसाफ नहीं होता और उसे उचित न्याय नहीं मिल जाता, तब तक उसका अंतिम संस्कार नहीं होगा।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सरवन सिंह पंढेर ने बेहद आक्रोश में कहा कि शुभकरण सिंह की मौत के मामले में सीधे तौर पर हरियाणा पुलिस गुनहगार है और उसके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, "हरियाणा सरकार उन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज करे, जो किसान शुभकरण सिंह की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। हम उस युवक का तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब तक उसे न्याय नहीं मिल जाता। हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बल के खिलाफ शिकायत होनी चाहिए, जिन्होंने उसे गोली मारी है।"
वहीं किसानों के दिल्ली मार्च को फिर से शुरू के संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि जल्द ही इस विषय में बैठक करके फैसला लिया जाएगा। इससे पहले बुधवार को खनौरी सीमा पर विरोध प्रदर्शन के दौरान गर्दन के पिछले हिस्से में चोट लगने से पंजाब के युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई, जिसके बाद किसान नेताओं को केंद्र के साथ बातचीत को स्थगित करना पड़ा था।
इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शुक्रवार को कहा कि खनौरी सीमा पर एक और प्रदर्शनकारी किसान की मौत हो गई है, जिसके बाद 'दिल्ली चलो' के आह्वान के तहत चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान मरने वालों की किसानों की संख्या 4 हो गई है।
जानकारी के मुताबिक बठिंडा जिले के अमरगढ़ गांव के 62 वर्षीय किसान दर्शन सिंह 13 फरवरी से खनौरी सीमा पर रह रहे थे। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि दर्शन सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।
पंढेर ने कहा, "किसान दर्शन सिंह खनौरी बॉर्डर पर थे और वो इस आंदोलन में शहीद हुए चौथे किसान थे। दर्शन सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।" किसानों ने शुभकरण सिंह की मौत का शोक मनाते हुए बीते शुक्रवार को 'ब्लैक फ्राइडे' मनाया।
मालूम हो कि किसान 13 फरवरी से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, मिनी-वैन के साथ हरियाणा-पंजाब की अलग-अलग सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।
हालांकि, पिछले दौर की वार्ता के दौरान, जो 18 फरवरी की आधी रात को समाप्त हुई। उसमें तीन केंद्रीय मंत्रियों के पैनल ने किसानों से पांच फसलें मूंग दाल, उड़द दाल, अरहर दाल, मक्का और कपास पर एमएसपी देने का प्रस्ताव मान लिया था।