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किसान आंदोलनः 19 दिन से जारी, कांग्रेस ने झोंकी ताकत, विपक्ष ने मोदी सरकार पर किया हमला

By शीलेष शर्मा | Updated: December 14, 2020 20:53 IST

दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर: ओडिशा से कृषि कानूनों का विरोध करने आए किसान सिंघु बॉर्डर पहुंचे। कानूनों का विरोध करने के लिए एक प्रदर्शनकारी ने अपना सिर मुंडवाया।

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ठळक मुद्देअभी सरकार की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं आया है।जयसिंहपुर खेड़ा (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर पर पपेट शो के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया गया।

नई दिल्लीः 19 दिन से चले आ रहे किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए सरकार ने अपने सारे घोड़े खोल दिए हैं। लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष किसानों को लामबंद करने में जुट गया है।

उच्च पदास्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत देश भर के किसानों को दिल्ली में एकत्रित करने में लगा दी है। पार्टी के इस फैसले पर अमल के लिए राज्य इकाइयों को भी कहा गया है। इधर युवक कांग्रेस ने आंदोलनकारी किसानों को हर संभव मदद देने के लिए दिल्ली की सीमाओं से सटे गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और सिंधु बॉर्डर पर लंगर खोल दिए हैं।

यहां हर रोज 50 हजार से अधिक आंदोलनकारी किसान सुबह की चाय से लेकर रात के भोजन तक का आनंद ले रहे हैं। युवक कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने लोकमत से बातचीत करते हुए कहा कि तीनों बॉर्डर पर लंगर चलाने के अलावा युवक कांग्रेस के देशभर से आए लगभग 15 हजार कार्यकर्ता किसानों की सेवा में लगे हैं।

मेडिकल कैंप भी युवक कांग्रेस की ओर से स्थापित किए गए हैं

प्रत्येक बॉर्डर पर मेडिकल कैंप भी युवक कांग्रेस की ओर से स्थापित किए गए हैं। जहां प्रत्येक केंद्र पर दो डॉक्टर और चार नर्सें सेवारत हैं। किसानों के अस्वस्थ होने पर उन्हें मुफ्त दवाएं ओर चिकित्सा सेवा दी जा रही है। आपात स्थित के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था भी प्रत्येक बॉर्डर पर की गई है।

इसके अलावा आंदोलनकारी किसानों की दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए चप्पल, कपड़े, तेल, कंघा, शीशा जैसी वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। पंजाब के कांग्रेस सांसद और विधायक राजधानी के दिल्ली जंतर-मंतर पर किसानों के समर्थन में धरने पर बैठे हैं। जिनको समर्थन देने के लिए कांग्रेस के अन्य राज्यों के सांसद भी बारी-बारी से धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं।

किसान आंदोलन के लिए दिल्ली कूच कर रहे हैं

राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकारों को कहा गया है कि जो किसान आंदोलन के लिए दिल्ली कूच कर रहे हैं। उनके दिल्ली आने पर कोई रोक न लगाई जाए ताकि इन दोनों राज्यों सहित दूसरे राज्यों के किसान भी आंदोलन में शामिल हो सकें।

कांग्रेस ने पंजाब और हरियाणा में प्रत्येक जिले की सीमा पर आंदोलन में जाने वाले किसानों के लिए लंगर आयोजित कर दिए हैं। कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि जब तक तीनों कानून वापस नहीं ले लिए जाते तब तक इस आंदोलन को कमजोर न पड़ने दिया जाए।

टॅग्स :किसान विरोध प्रदर्शनपंजाबहरियाणाकांग्रेसनरेंद्र मोदीभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)राहुल गांधीसमाजवादी पार्टी
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