Farmer Protest: किसानों का फूटा गुस्सा, देशव्यापी 'ब्लैक फ्राइडे' विरोध का आह्वान, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर की हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 23, 2024 09:30 AM2024-02-23T09:30:21+5:302024-02-23T09:35:21+5:30
किसान आंदोलन संगठनों ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर हरियाणा पुलिस के साथ हुई झड़प में मारे गये युवा किसान शुभकरण सिंह को लेकर आज 23 फरवरी को देशव्यापी 'ब्लैक फ्राइडे' विरोध का आह्वान किया है।
नई दिल्ली: किसान मजदूर संघर्ष कमेटी सहित अन्य किसान आंदोलन समूहों ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर हरियाणा पुलिस के साथ हुई झड़प में मारे गये युवा किसान शुभकरण सिंह को लेकर आज 23 फरवरी को देशव्यापी 'ब्लैक फ्राइडे' विरोध का आह्वान किया है।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने 'दिल्ली चलो' मार्च को अपना समर्थन दिया है और अपनी मांगों के समर्थन में देश भर में किसानों को संगठित करने का वादा किया है।
इस बीच प्रदर्शनकारी किसान की मौत के बाद 'दिल्ली चलो' मार्च दो दिनों तक रुका हुआ है। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि वे शुक्रवार शाम को अगली कार्रवाई तय करेंगे।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने विरोध प्रदर्शन के बीच मारे गये किसान शुभकरण सिंह की मौत के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री अनिल विज को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। इसके साथ ही किसान नेताओं ने मृतक किसान के परिवार के लिए 1 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा घटना की न्यायिक जांच की मांग की है।
इसके साथ किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने पूरे भारत में 'काला दिवस' मनाने की घोषणा की है। किसानों की ओर से कहा गया है कि विरोध प्रतीक के रूप में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर और गृह मंत्री विज के पुतले जलाए जाएंगे। घरने पर बैठे किसान लगातार मुख्यमंत्री खट्टर और गृहमंत्री विज के इस्तीफा की मांग कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार एकजुटता और ताकत दिखाने के लिए किसान 26 फरवरी को राजमार्गों पर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। अखिल भारतीय किसान मजदूर महापंचायत 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली है, जिसका लक्ष्य देश भर के किसानों को एकजुट करना है।
हालांकि सीधे तौर पर 'दिल्ली चलो' आंदोलन का हिस्सा नहीं होने के बावजूद संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया है, जो फसलों और कृषि ऋण के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं।
मलूम हो कि हरियाणा -पंजाब सीमा पर किसानों और पुलिस अधिकारियों के बीच तनाव के कारण झड़पें हुईं। विरोध प्रदर्शन के दौरान दो पुलिस अधिकारियों के मारे जाने और 30 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है।
हरियाणा पुलिस ने कहा कि किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए), 1980 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई शुरू की गई है। इसने कानून व्यवस्था बनाए रखने और सामाजिक सद्भाव में गड़बड़ी को रोकने के लिए किसान नेताओं को हिरासत में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।