किसान नेता राकेश टिकैत बोले, हम दुनिया के आगे मोदी सरकार का सिर नहीं झुकने देंगे, केंद्र किसानों के हित में ले फैसला

By अनुराग आनंद | Published: January 31, 2021 07:21 AM2021-01-31T07:21:47+5:302021-01-31T07:27:52+5:30

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार कानून वापस क्यों नहीं लेना चाहती इसपर किसानों को अपनी बात बता सकती है। हम (किसान) ऐसे लोग हैं जो पंचायती राज में विश्वास करते हैं। हम कभी भी दुनिया के सामने सरकार का सिर शर्म से नहीं झुकने देंगे।

Farmer leader Rakesh Tikait said, "We will not let the Modi government bow to the world, let the Center take a decision in the interest of farmers" | किसान नेता राकेश टिकैत बोले, हम दुनिया के आगे मोदी सरकार का सिर नहीं झुकने देंगे, केंद्र किसानों के हित में ले फैसला

किसान नेता राकेश टिकैत (फाइल फोटो)

Highlightsराकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के साथ हमारी मांगों, हकों व विचारधाराओं की लड़ाई है और यह लड़ाई लाठी/डंडों, बंदूक से नहीं लड़ी जा सकती। दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर शनिवार को दिल्ली पुलिस ने एक फ्रीलांसर पत्रकार को हिरासत में लिया है।

गाजियाबाद: भाकियू के नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार से कहा कि वह खुद किसानों को बताये कि वह कृषि कानूनों को वापस क्यों नहीं लेना चाहती और ‘‘हम वादा करते हैं कि सरकार का सिर दुनिया के सामने झुकने नहीं देंगे।’’

ट्रैक्टर परेड में हिंसा के कारण किसान आंदोलन के कमजोर पड़ने के बाद एक बार फिर जोर पकड़ने के बीच टिकैत ने सरकार से कहा, ‘‘सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह नये कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करने पर अड़ी हुई है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार किसानों को अपनी बात बता सकती है। हम (किसान) ऐसे लोग हैं जो पंचायती राज में विश्वास करते हैं। हम कभी भी दुनिया के सामने सरकार का सिर शर्म से नहीं झुकने देंगे।’’ टिकैत ने कहा, ‘‘सरकार के साथ हमारी वाजीब मांगों, हकों व विचारधाराओं की लड़ाई है और यह लड़ाई लाठी/डंडों, बंदूक से नहीं लड़ी जा सकती और ना ही उसके द्वारा इसे दबाया जा सकता है। किसान तभी घर लौटेंगे जब नये कानून वापस ले लिए जाएंगे।’’  

दिल्ली पुलिस ने एक पत्रकार को हिरासत में लिया-

दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर शनिवार को पुलिस के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में एक फ्रीलांसर पत्रकार को हिरासत में लिया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को हिंसा के बाद बॉर्डर पर अवरोधक लगा दिए गए थे। अधिकारी ने बताया कि पत्रकार समेत कुछ लोग अवरोधकों को हटाने की कोशिश कर रहे थे।

पत्रकार ने पुलिस कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार भी किया। उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में मुख्य स्थलों में से एक, सिंघू बॉर्डर पर किसानों और स्थानीय निवासी होने का दावा करने वाले लोगों के एक बड़े समूह के बीच शुक्रवार को झड़प हो गईं। हिंसा में दिल्ली पुलिस का एक एसएचओ (अलीपुर) घायल हो गया। घटना के बाद एसएचओ पर हमला करने वाले व्यक्ति सहित कम से कम 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

पंजाब से भारी संख्या में लोग अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की तरफ एक बार फिर से चले-

दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद ढीला पड़ता नजर आ रहा किसान आंदोलन शनिवार को फिर से तेजी पकड़ने लगा तथा पंजाब से किसानों के अधिकाधिक समूह राष्ट्रीय राजधानी की ओर रूख करने लगे। कई किसान नेताओं ने शनिवार को दावा किया कि अधिकाधिक किसान समूह दिल्ली जा रहे हैं और दो फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर किसान संगठनों एवं कृषि मजदूरों का रिकार्ड जमावड़ा होगा।

भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि उन्हें दिल्ली की सीमाओं पर दो फरवरी को भारी तादाद की उम्मीद है। शनिवार को पंजाब के संगरूर और मोहाली में किसानों एवं कृषि मजदूरों ने किसान आंदोलन के समर्थन में भूखहड़ताल रखी। पंजाब के 14 जिलों में 400 स्थानों पर प्रदर्शनकारी किसानों ने नये कृषि कानूनों का विरोध करते हुए एवं उन्हें वापस लेने की मांग करते हुए केंद्र के पुतले फूंके।

(एजेंसी इनपुट)

Web Title: Farmer leader Rakesh Tikait said, "We will not let the Modi government bow to the world, let the Center take a decision in the interest of farmers"

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