कोविड मृतकों का मुआवजा: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को लगाई फटकार, बिहार और आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को तलब कर अवमानना की चेतावनी दी

By विशाल कुमार | Published: January 19, 2022 03:29 PM2022-01-19T15:29:53+5:302022-01-19T15:31:59+5:30

शीर्ष अदालत वकील गौरव कुमार बंसल और अन्य लोगों की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिनमें कोविड-19 से मारे गये लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने का अनुरोध किया गया है।

failure-to-compensate-covid-deaths-supreme-court bihar andhra pradesh | कोविड मृतकों का मुआवजा: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को लगाई फटकार, बिहार और आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को तलब कर अवमानना की चेतावनी दी

कोविड मृतकों का मुआवजा: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को लगाई फटकार, बिहार और आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को तलब कर अवमानना की चेतावनी दी

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कियाननोटिस जारी कर पूछा कि क्यों ना उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए।2001 में गुजरात में आए भूकंप के दौरान अपनाई गई पंजीकरण और वितरण प्रणाली अपनाने का निर्देश दिया।

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 से मृत्यु के मामलों में मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं दिये जाने को लेकर राज्य सरकारों पर अप्रसन्नता जताई और आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों ना उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए।

शीर्ष अदालत ने आंध्र प्रदेश और बिहार सरकार के मुख्य सचिवों से अपराह्न दो बजे ऑनलाइन पेश होने और यह स्पष्टीकरण देने को कहा है कि कोविड-19 से मृत्यु के मामलों में परिजनों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि का वितरण उनके राज्यों में कम क्यों हुआ है।

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों से कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से संपर्क करने तथा मुआवजा दावों का पंजीकरण और वितरण उसी तरह करने को कहा, जैसा 2001 में गुजरात में आए भूकंप के दौरान किया गया था।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह कोविड-19 से मृत्यु के बिहार द्वारा दिये गये आंकड़ों को खारिज करती है और ये आंकड़े वास्तविक नहीं बल्कि सरकारी हैं।

पीठ ने बिहार सरकार की तरफ से पेश हुए वकील से कहा, ‘‘हमें भरोसा नहीं हो रहा कि बिहार राज्य में कोविड के कारण केवल 12,000 लोगों की मृत्यु हुई। हम चाहते हैं कि आपके मुख्य सचिव दो बजे डिजिटल तरीके से यहां पेश हों।’’

दो बजे पेश होकर मुख्य सचिव ने अदालत को जानकारी दी जिसके बाद अदालत ने कहा कि दर्ज की गई 13,250 मौतों में से 11,000 दावे प्राप्त किए गए थे। हालांकि, पीठ अन्य राज्यों की तुलना में कम दावे आने पर चिंता जताई और बिहार सरकार से योग्य लोगों तक पहुंचने के लिए अधिक प्रयास करने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे दर्ज किया कि अब तक आंध्र प्रदेश ने 49,292 आवेदन प्राप्त किए हैं, 31,000 पात्र पाए गए और 6000 को खारिज कर दिया गया था। राज्य का कहना है कि 28,000 दावेदारों को भुगतान किया जा चुका है। 10,000 शेष बचे हैं जिनमें से 5 हजार की मंजूरी है और भुगतान अगले तीन दिनों में हो जाएगा। साथ ही 6 हजार अस्वीकृत दावों की जांच शिकायत निवारण समिति द्वारा की जाएगी। कोर्ट ने आंकड़ों में गड़बड़ी पाए जाने पर अवमानना की चेतावनी भी दी।

शीर्ष अदालत वकील गौरव कुमार बंसल और अन्य लोगों की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिनमें कोविड-19 से मारे गये लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने का अनुरोध किया गया है।

Web Title: failure-to-compensate-covid-deaths-supreme-court bihar andhra pradesh

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