विशेषज्ञों ने कहा- कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना को अमल में लाना नहीं है आसान  

By भाषा | Published: March 27, 2019 06:26 AM2019-03-27T06:26:41+5:302019-03-27T06:26:41+5:30

गांधी ने सोमवार को कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आयी तो सबसे गरीब परिवारों के लिये न्यूनतम आय योजना (न्याय) शुरू की जाएगी। इसके तहत देश के सर्वाधिक गरीब 5 करोड़ परिवार यानी 25 करोड़ लोगों को सालाना 72,000 रुपये दिये जाएंगे। उन्होंने इसे गरीबी मिटाने के लिये अंतिम प्रहार करार दिया।

Experts said it is not easy to implement the minimum income scheme of Congress | विशेषज्ञों ने कहा- कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना को अमल में लाना नहीं है आसान  

विशेषज्ञों ने कहा- कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना को अमल में लाना नहीं है आसान  

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का देश के सबसे गरीब 5 करोड़ परिवारों के लिये न्यूनतम आय योजना शुरू करने का वादा सामाजिक सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करता है लेकिन इसका वित्त पोषण एक मुश्किल कार्य हो सकता है। कुछ प्रमुख अर्थशास्त्रियों तथा समाज विज्ञानियों ने यह कहा है।

गांधी ने सोमवार को कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आयी तो सबसे गरीब परिवारों के लिये न्यूनतम आय योजना (न्याय) शुरू की जाएगी। इसके तहत देश के सर्वाधिक गरीब 5 करोड़ परिवार यानी 25 करोड़ लोगों को सालाना 72,000 रुपये दिये जाएंगे। उन्होंने इसे गरीबी मिटाने के लिये अंतिम प्रहार करार दिया।

इस योजना को लागू करने के लिये 2019-20 में 3.60 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 1.7 प्रतिशत की जरूरत होगी। अगले वित्त वर्ष के लिये जीडीपी 210 लाख करोड़ रुपये आंका गया है। कांग्रेस ने हालांकि, अभी यह नहीं बताया कि इसे क्रियान्वित करने के लिये संसाधन कहां से जुटाये जाएंगे। वित्तीय नजरिये से इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर चिंता जतायी जा रही है। 

अर्थशास्त्री जीन ड्रेज ने कहा, ‘‘न्याय सामाजिक सुरक्षा के लिये एक स्वागतयोग्य प्रतिबद्धता है। हालांकि, इस प्रस्ताव की मजबूती इस बात पर निर्भर करती है कि इसका वित्त पोषण कैसे होता है और किस प्रकार सर्वाधिक गरीब 20 प्रतिशत आबादी की पहचान की जाती है...।’’ 

पूर्ववर्ती योजना आयोग की सदस्य सईदा हामीद ने योजना की सराहना की। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया इससे सरकारी खजाने पर बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘इससे भारत का चेहरा बदल सकता है। इससे राजकोषीय बोझ पड़ेगा लेकिन कई अमीरों के पास गलत तरीके से अर्जित धन पड़ा है। कोई भी ईमानदार नेतृत्व इस तरह के धन को बेहतर उपयोग के लिये लगा सकते हैं।’’ 

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तथा पूर्ववर्ती योजना आयोग के सदस्य अभिजीत सेन ने भी कहा, ‘‘इसमें काफी धन की जरूरत होगी और इसके क्रियान्वयन का भी मुद्दा बना रहेगा।’’ 

भोजन के अधिकार से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने कहा कि वह योजना का स्वागत करते हैं क्योंकि यह गरीबों के सही मुद्दों को राजनीतिक चर्चा के केंद्र में लाता है। साथ ही देश में असमानता को भी रेखांकित करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत का कर -जीडीपी अनुपात दुनिया में सबसे कम है। हम अति धनाढ्यों पर उच्च दर से कर नहीं लगाते। हम धनी तथा मध्यमवर्ग को जो सब्सिडी दे रहे हैं वह गरीबों को दी जाने वाली सहायता के मुकाबले तीन गुना है। इसीलिए हमें अपनी सब्सिडी को सही जगह पहुंचाने के लिये उसे ठीक करने की जरूरत है।’’

Web Title: Experts said it is not easy to implement the minimum income scheme of Congress

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे