संक्रमण दर पांच प्रतिशत से कम होने के बावजूद दूसरी लहर की समाप्ति को लेकर असमंजस में विशेषज्ञ

By भाषा | Updated: June 21, 2021 19:54 IST2021-06-21T19:54:31+5:302021-06-21T19:54:31+5:30

Experts confused about the end of the second wave despite the infection rate being less than five percent | संक्रमण दर पांच प्रतिशत से कम होने के बावजूद दूसरी लहर की समाप्ति को लेकर असमंजस में विशेषज्ञ

संक्रमण दर पांच प्रतिशत से कम होने के बावजूद दूसरी लहर की समाप्ति को लेकर असमंजस में विशेषज्ञ

(शकूर राठेर)

नयी दिल्ली, 21 जून देश में लगातार 14वें दिन कोविड-19 की संक्रमण दर पांच प्रतिशत से कम रही, जो कि किसी क्षेत्र को खोलने या गतिविधियां शुरू करने के लिए डब्ल्यूएचओ की सिफारिश के अनुरूप है, लेकिन विशेषज्ञ दूसरी लहर के खत्म हो जाने की घोषणा करने से हिचक रहे हैं।

देश में सोमवार को कोविड-19 के 53,256 मामले आए, जो कि पिछले 88 दिन में न्यूनतम है और संक्रमण दर भी घटकर 3.83 प्रतिशत हो गयी है। इससे ऐसा लगता है कि कोविड-19 संकट का मौजूदा दौर खत्म हो चुका है और यह समय पाबंदियां खत्म करने का है। हालांकि, इस आशावादी परिदृश्य के साथ सावधानी बरतने की भी जरूरत है क्योंकि कई वैज्ञानिकों का कहना है कि अब भी कुल मामले बहुत ज्यादा हैं, कुछ जिलों में संक्रमण दर पांच प्रतिशत से अधिक है और आंकड़ों की विश्वसनीयता को लेकर भी संदेह है।

शिव नाडर विश्वविद्यालय, दिल्ली-एनसीआर के स्कूल ऑफ नेचुरल साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर नागा सुरेश वीरप्पू ने कहा, ‘‘मौजूदा पांच प्रतिशत से कम संक्रमण दर के साथ, भारत के कोविड-19 की दूसरी लहर जितनी तेजी से आगे बढ़ी थी, उसी तरह अब कमजोर हो चुकी है लेकिन डेल्टा प्लस जैसे संक्रामक स्वरूप के वजूद में आने से शायद यह खत्म नहीं हुई है।’’ कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस स्वरूप, डेल्टा स्वरूप या बी 1.617.2 में बदलाव से बना है। डेल्टा स्वरूप की सबसे पहले पहचान भारत में हुई और देश में दूसरी लहर के लिए और ब्रिटेन समेत अन्य जगहों पर संक्रमण के प्रसार में इसकी प्रमुख भूमिका रही है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सिफारिश है कि किसी क्षेत्र को फिर से खोलने से पहले 14 दिनों तक संक्रमण दर पांच प्रतिशत या कम होनी चाहिए। लोक नीति विशेषज्ञ चंद्रकांत लहारिया ने कहा कि मामलों में कमी आ रही है लेकिन कुल मामले अब भी बहुत ज्यादा हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण दर घट गयी है लेकिन कई जिले ऐसे हैं, जहां यह दर पांच प्रतिशत से अधिक है। दूसरी लहर खत्म हो चुकी है, ऐसा कहने के पहले मैं चाहूंगा कि उन सभी क्षेत्रों में संक्रमण दर पांच प्रतिशत नीचे आ जाए, जहां यह दर अधिक है।’’

वैज्ञानिक गौतम मेनन ने भी लहारिया से सहमति जताते हुए उल्लेख किया कि केरल जैसे कुछ राज्यों में संक्रमण दर पांच प्रतिशत से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि यह अस्पष्ट है कि क्या दूसरे राज्यों की तुलना में बेहतर जांच के कारण ऐसा हो रहा है या वहां हालात में सुधार होना अभी बाकी है। केरल में रविवार को संक्रमण दर 10.84 प्रतिशत थी।

हरियाणा में अशोक विश्वविद्यालय के भौतिकी और जीव विज्ञान विभागों के प्रोफेसर मेनन ने कहा, ‘‘किसी लहर की कोई ठोस परिभाषा नहीं है कि यह कब खत्म हो जाएगी लेकिन सावधानी बरतते हुए गतिविधियां शुरू की जा सकती है।’’ विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमण दर से महत्वपूर्ण सूचना केवल तभी मिल सकती है, जब सभी क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर जांच हो।

वीरप्पू ने कहा कि बिना लक्षण वाले या मामूली लक्षण वाले लोग जांच के लिए आगे नहीं आ रहे। इससे कई मामले सामने नहीं आ पाते। उन्होंने कहा, ‘‘हमें तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर टीकाकरण अभियान को और तेज करने, स्वास्थ्य ढांचे को बेहतर करने, लोक स्वास्थ्य नीति को बेहतर करने की जरूरत है।

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Web Title: Experts confused about the end of the second wave despite the infection rate being less than five percent

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