हरियाणा के तिगड़ाना में खुदाई, हड़प्पाकालीन दीवार मिली, मिट्टी के मटकों के टुकड़े मिले, जानिए क्या-क्या मिला
By भाषा | Published: February 21, 2020 08:56 PM2020-02-21T20:56:28+5:302020-02-21T20:56:28+5:30
बड़े पैमाने पर मृदभांड (मिट्टी के मटकों के टुकड़े) भी मिले हैं। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय जांट पाली के पुरातत्व विभाग अध्यक्ष एवं पुरातात्विक शोध परियोजना तिगड़ाना के निदेशक डा. नरेंद्र परमार ने बताया, ‘‘वर्ष 1974-75 में तिगड़ाना की हड़प्पाकालीन गांव के रूप में पहचान हुई थी।
हिसार के राखीगढ़ी के बाद अब पुरातात्विक शोध परियोजना तिगड़ाना के तहत यहां के गांव तिगड़ाना के खेड़े में शुरू हुई खुदाई में हड़प्पाकालीन दीवार मिली है।
साथ ही बड़े पैमाने पर मृदभांड (मिट्टी के मटकों के टुकड़े) भी मिले हैं। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय जांट पाली के पुरातत्व विभाग अध्यक्ष एवं पुरातात्विक शोध परियोजना तिगड़ाना के निदेशक डा. नरेंद्र परमार ने बताया, ‘‘वर्ष 1974-75 में तिगड़ाना की हड़प्पाकालीन गांव के रूप में पहचान हुई थी।
अभी हड़प्पा काल की दीवार तो मिल चुकी है। इसके साथ ही काफी संख्या में मृदभांड भी मिले हैं, उनकी धुलाई की जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि खुदाई में अब तक मिले पुरातात्विक अवशेष में सबसे महत्वपूर्ण हड़प्पाकालीन दीवार और मृदभांड ही हैं। हालांकि मृदभांड कौन से काल के हैं, अभी यह तय नहीं हो सका है। पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञ इन मृदभांड की धुलाई कर रहे हैं।
धुलाई के बाद ही पता चल सकेगा कि ये मृदभांड कौन से काल से संबंध रखते हैं। खुदाई कार्य के संबंध में करीब 15 दिन पहले हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ के पुरातत्व विभाग से एमए कर रहे 24 विद्यार्थी और पांच शोधार्थी तिगड़ाना आए थे।
गौरतलब है कि तिगड़ाना के अलावा नौरंगाबाद और मिताथल में भी हड़प्पाकाल के प्रमाण पुरातत्व विभाग को मिल चुके हैं। विभाग के विशेषज्ञों की खोज अभी जारी है। हिसार के राखी गढ़ी में भी हड़प्पाकालीन सभ्यता के प्रमाण मिल चुके हैं।
इससे पहले हिसार के राखी गढ़ी में हड़प्पाकालीन सभ्यता के प्रमाण मिल चुके हैं। यहां मिले हजारों साल पुराने कंकालों पर भी बड़ी जानकारी सामने आ चुकी है। वहीं हाल में क्रेंदीय बजट में भी राखीगढ़ी को राष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनाने को लेकर स्पेशल बजट जारी करने की घोषणा की गई है।
यहां पर एक भव्य म्यूजियम बनाने की तैयारी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में पिछले दिनों संसद में कहा था कि पांच पुरातत्व स्थलों को स्थानिक संग्रहालय वाले प्रतिमान स्थलों के रूप में स्थापित/विकसित किया जायेगा जिनमें राखीगढ़ी (हरियाणा) भी शामिल है।