नयी दिल्ली, 17 फरवरी पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर की गई पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के मानहानि मामले का घटनाक्रम इस प्रकार है:--
--आठ अक्टूबर 2018 : रमानी ने ‘वोग इंडिया’ पत्रिका में ‘टू द हार्वे वेंस्टींस ऑफ द वर्ल्ड’ शीर्षक वाले 2017 के अपने एक आलेख का संदर्भ देते हुए एक ट्वीट में अकबर का जिक्र किया। ’’
--15 अक्टूबर 2018: अकबर ने दिल्ली की एक अदालत में आपराधिक मानहानि शिकायत दायर की।
--17 अक्टूबर 2018: अकबर ने केंद्रीय मंत्री के तौर पर इस्तीफा दिया।
--29 जनवरी 2019: दिल्ली की अदालत ने मामले में आरोपी के तौर पर रमानी को तलब किया।
--25 फरवरी 2019: दिल्ली की अदालत ने रमानी को जमानत दी।
--सात फरवरी 2020: अदालत ने मामले में अंतिम दलीलें सुननी शुरू की।
--19 सितंबर 2020: मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने विषय को इस आधार पर दूसरी अदालत में भेजने की मांग की कि उनकी अदालत जन प्रतिनिधियों के खिलाफ दायर मामलों की सुनवाई के लिए है।
--22 अक्टूबर 2020: जिला न्यायाधीश ने मामले को दूसरी अदालत में हस्तांतरित करने से इनकार कर दिया और इसे वापस उसी मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया जो इस विषय की सुनवाई कर रहे थे।
--18 नवंबर 2020: मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश का तबादला हो गया।
--21 नवंबर 2020: नये न्यायाधीश ने मामले में नये सिरे से अंतिम दलीलें सुननी शुरू की।
--एक फरवरी 2021: अदालत ने दोनों पक्षों के अपनी अंतिम दलीलें पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
--10 फरवरी 2021: लिखित दलीलें विलंब से सौंपे जाने के चलते फैसला 17 फरवरी के लिए टाल दिया गया।
--17 फरवरी 2021: अदालत ने रमानी को मामले में बरी कर दिया और अकबर द्वारा दायर शिकायत खारिज करते हुए कहा कि उनके (रमानी के) खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हो सका।
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