मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ सदन की कार्यवाही को बकवास बताए जाने के आरोप की जांच की जाएगी. कमलनाथ के मध्य प्रदेश विधानसभा को लेकर दिए एक बयान पर बीजेपी विधायक यशपाल सिंह की शिकायत को विधानसभा की आचरण समिति को सौंप दिया गया है. विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने शिकायत को समिति को जांच के लिए सौंपा है.
कमलनाथ पर विधानसभा कार्यवाही को 'बकवास' बताने का आरोप
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ से एक इंटरव्यू के दौरान विधानसभा की कार्यवाही में उपस्थिति को लेकर सवाल किया गया था. जिस पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने बकवास शब्द का इस्तेमाल किया था. जिसके बाद बीजेपी ने कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता पर विधानसभा कार्यवाही को बकवास बताकर विधानसभा की अवमानना करने का आरोप लगाया था. इसे लेकर बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शिकायत भी की थी.
एमपी विधानसभा अध्यक्ष ने आचरण समिति को सौंपी जांच
अब एमपी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विधायक की शिकायत पर कार्रवाई के लिए इस मामले को आचरण समिति को सौंप दिया है. आचरण समिति ये तय करेगी कि कमलनाथ के खिलाफ विधानसभा की अवमानना का मामला बनता है या नहीं.
यह मामला सामने आने के बाद प्रदेश का पार्टी नेतृत्व हरकत में आ गया था और कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष का पद वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह को सौंप दिया था. मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव अगले साल 2023 में होने है लेकिन दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर हमला बोलने का कोई भी मौका चुकना नहीं चाहती. हाल में ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश का दौरा किया था. इस दौरान शाह ने बीजेपी संगठन को मजबूती से जमीनी स्तर पर काम करने का भी मंत्र दिया था.
कांग्रेस-बीजेपी चुनाव की रणनीति बनाने में जुटे
वहीं कांग्रेस ने भी चुनाव के लिए कमर कसनी अभी से शुरू कर दी है. कांग्रेस की चुनावी तैयारियों की निगरानी पर पूरी तरह अपना ध्यान केंद्रीत करना चाह रहे कमलनाथ के नेता प्रतीपक्ष पद से इस्तीफे की एक वजह मानी जा रही है. पिछले चुनावों में कांग्रेस ने बहुमत हासिल कर 15 साल बाद प्रदेश में सरकार बनाई थी लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस की सरकार 15 महीने में ही गिर गई थी.