आचार समिति ने ड्राफ्ट रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की, दानिश अली को भी मिली चेतावनी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: November 9, 2023 09:44 AM2023-11-09T09:44:18+5:302023-11-09T09:46:46+5:30
लोकसभा की आचार समिति रिपोर्ट को अपनाने के लिए गुरुवार को बैठक करेगी। इसके बाद इसे लोकसभा अध्यक्ष के पास भेजा जाएगा। महुआ मोइत्रा के अलावा मसौदा रिपोर्ट में लोकसभा की प्रक्रिया और कामकाज के संचालन के नियमों के नियम 275 का उल्लंघन करने के लिए बसपा सांसद दानिश अली को भी चेतावनी दी गई है।
नई दिल्ली: कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर, उपहारों के बदले, अडानी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने के आरोपों का सामना कर रहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों की जांच करने वाली लोकसभा की आचार समिति ने अपनी मसौदा रिपोर्ट में उन्हें 17 वीं लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा की आचार समिति रिपोर्ट को अपनाने के लिए गुरुवार को बैठक करेगी। इसके बाद इसे लोकसभा अध्यक्ष के पास भेजा जाएगा। महुआ मोइत्रा के अलावा मसौदा रिपोर्ट में लोकसभा की प्रक्रिया और कामकाज के संचालन के नियमों के नियम 275 का उल्लंघन करने के लिए बसपा सांसद दानिश अली को भी चेतावनी दी गई है। नियम 275 संसदीय समितियों की कार्यवाही की गोपनीयता से संबंधित है।
रिपोर्ट में अली सहित विपक्षी सांसदों के नामों का उल्लेख है, जिन्होंने इस महीने की शुरुआत में पिछली बैठक में पैनल के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर के सवाल पूछने के तरीके पर आपत्ति जताई थी। 2 नवंबर को पूछताछ के दौरान मोइत्रा और विपक्ष के पांच सदस्य, दानिश अली, कांग्रेस के उत्तम कुमार रेड्डी और वी वैथिलिंगम, सीपीएम के पीआर नटराजन और जेडी (यू) के गिरिधारी यादव बैठक से बाहर चले गए थे।
बता दें कि इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि लोकपाल ने महुआ मोइत्रा द्वारा कथित भ्रष्टाचार किए जाने की उनकी शिकायत पर उनके (मोइत्रा के) खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच का आदेश दिया है।
दूसरी तरफ अपनी प्रतिक्रिया में, मोइत्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सीबीआई को पहले 13,000 करोड़ रुपये के अडानी कोयला घोटाले पर एफआईआर दर्ज करने की जरूरत है। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा यह है कि कैसे संदिग्ध FPI स्वामित्व वाली (चीनी और संयुक्त अरब अमीरात सहित) अडानी कंपनियां गृह मंत्रालय की मंजूरी के साथ भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खरीद रही हैं। महुआ ने अपने उपर लगे सभी आरोपों के साजिश भी करार दिया है।