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कोरोना काल में नौकरी गंवाने वालों को बेरोजगारी भत्ता देगी सरकार, तीन महीने तक मिलेगी आधी सैलरी, जानिए नियम

By विनीत कुमार | Updated: August 21, 2020 11:36 IST

सरकार ने कोरोना संकट में बेरोजगार हुए औद्योगिक कामगारों को तीन महीने के वेतन के औसत के करीब 50 फीसदी तक की रकम भत्ते के तौर पर देने का फैसला किया है।

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ठळक मुद्देलाखों औद्योगिक कामगारों के लिए बड़ी राहत, नौकरी गई तो तीन महीने मिलेगा बेरोजगारी भत्ता बेरोजगारी भत्ते के तहत सैलरी का 50 फीसदी दिया जाएगा, इसके लिए कुछ शर्ते भी तय की गई हैं

Unemployment allowance: कोरोना महामारी के बीच केंद्र सरकार का गुरुवार का एक फैसला उन लाखों औद्योगिक कामगारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जिन्होंने इस संकट के दौर में अपनी नौकरी गंवा दी। सरकार ने दरअसल नौकरी जाने वालों को तीन महीने तक बेरोजगारी भत्ता देने का फैसला किया है। इसके तहत उन्हें उनके सैलरी का 50 फीसदी मिलेगा। 

इसका फायदा केवल उन लोगों को होगा जिन्होंने 24 मार्च से 31 दिसंबर 2020 के बीच अपनी नौकरी गवाई है या गंवा देंगे। साथ ही उनका वर्कर्स एंप्लॉयी स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (ESIC) के तहत रजिस्टर्ड होना भी जरूरी है। कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है और कई लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है।

भत्ता पाने के लिए ये हैं जरूरी शर्तें

कर्मचारी तीन महीने (90) के लिए भत्ता पाने के योग्य होंगे। उन्हीं वर्कर्स को इसका लाभ मिलेगा जो ईएसआई स्कीम से 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2020 तक जुड़े रहे हों। साथ ही इस दौरान 1 अक्टूबर 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच कम से कम 78 दिनों का कामकाज जरूरी है। 

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार ईएसआईसी बोर्ड और भारतीय मजदूर संघ के नेशनल एग्जक्यूटिव मेंबर वी राधाकृष्णन ने बताया कि इससे 30 से 35 लाख औद्योगिक कामगारों को फायदा होगा, जिन्होंने अपनी नौकरी गंवा दी।

कैसे मिलेगा फायदा

बेरोजगार हुआ कोई भी शख्स अधिकतम 90 दिनों (तीन महीने) के लिए इस भत्ते का फायदा उठा सकता है। पहले औसत सैलरी का 25 फीसदी ही क्लेम करने की सीमा थी, जिसमें अब बदलाव किया गया है। 

कामगार ईएसआईसी की किसी भी शाखा में जाकर सीधे आवेदन भी कर सकते हैं। जांच-पड़ताल के बाद रकम सीधे उनके बैंक खाते में पहुंच जाएगी। ईएसआईसी श्रम मंत्रालय के तहत आने वाला एक संगठन है। जिस फैक्ट्री में 10 या उससे ज्यादा मजदूर होते हैं, वहां यह स्कीम लागू होती है।

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