JNU हिंसा के शिकार छात्रों के समर्थन में उतरीं समूची कांग्रेस, शाह पर लगाए गंभीर आरोप, जांच के लिए सोनिया गांधी ने बनाई स्पेशल कमेटी

By शीलेष शर्मा | Published: January 7, 2020 06:45 AM2020-01-07T06:45:43+5:302020-01-07T06:45:43+5:30

जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर तथ्यों का पता लगाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है.  इस समिति में सुष्मिता देव भूतपूर्व सांसद, हेबी एडन सांसद, सैय्यद नासिर हुसैन सांसद और अमृता धवन सदस्य होगें.

Entire Congress came out in support of students of JNU violence Sonia Gandhi formed committee for investigation | JNU हिंसा के शिकार छात्रों के समर्थन में उतरीं समूची कांग्रेस, शाह पर लगाए गंभीर आरोप, जांच के लिए सोनिया गांधी ने बनाई स्पेशल कमेटी

JNU हिंसा के शिकार छात्रों के समर्थन में उतरीं समूची कांग्रेस, शाह पर लगाए गंभीर आरोप, जांच के लिए सोनिया गांधी ने बनाई स्पेशल कमेटी

Highlights जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार शाम हुई हिंसा, तोड़फोड़ बाद कई जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। रविवार (5 जनवरी 2020) शाम को जेएनयू परिसर में नकाब लगाए लोगों ने हमला किया।जेएनयू छात्र संघ ने एबीवीपी पर हमले का आरोप लगाया। हालांकि एबीवीपी ने आरोप से इनकार किया है।

जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के लिए कांग्रेस ने सीधे गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के पीछे अमित शाह की सहमति और उनका संरक्षण था. कांग्रेस ने सीधे आरोप लगाते हुए इस पूरे मामले की सर्वोच्च न्यायालय के पीठासीन न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक जांच कराने की मांग की है. कांग्रेस का यह भी आरोप था कि यह एक प्रायोजित हिंसा थी जो अमित शाह और नरेंद्र मोदी के युवा और छात्रों के साथ किए जा रहे व्यवहार का नतीजा है. 

सोनिया गांधी ने JNU हिंसा की कड़ी निंदा की

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस पूरे मामले की कड़ी निंदा करते हुए एक बयान जारी किया और आरोप लगाया कि मोदी सरकार युवा और छात्रों की आवाज़ को दबाने और कुचलने का काम कर रही है. उन्होंने जेएनयू में हुए हिंसा को गुन्डों द्वारा सरकार के इशारे पर की गयी कार्यवाही बताया और कहा कि कांग्रेस इसे स्वीकार नहीं करेगी. सोनिया का यह भी आरोप था कि भाजपा सरकार की मदद से पुलिस और गुन्डें विश्वविद्यालय के परिसरों में जाकर देशभर में आतंक फैलाने का काम कर रहे है.जिसके विरोध में कांगे्रस हर स्तर पर उतरेगी और उन छात्रों के समर्थन में खड़ी रहेगी जो इसके शिकार हुए है.

जानें JNU हिंसा पर  पी. चिदंबरम, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने क्या कहा? 

पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने भी  हिंसा की निंदा करते हुए मांग की कि जिन लोगों ने इस हिंसा को अंजाम दिया उन्हें चिंन्हित किया जाए और 24 घंटों में गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध कार्यवाही हो साथ ही उन अधिकारियों की जवाबदेही भी तय हो जो इसके लिए जिम्मेदार है.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जो कल रात घटना के तुरंत बाद घायल छात्रों से मिलने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंची ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने उदारवादी लोकतंत्र की प्रतिष्ठा रखता है. लेकिन मोदी और शाह की  सरकार और उनके गुंडों ने जिस तरह विश्वविद्यालयों के परिसरों में जाकर  छात्रों के साथ बर्बरता की उससे देश की साख को धक्का लगा है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिंसा की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए मोदी सरकार पर कड़ा हमला बोला यह कहते हुए कि देश फासिस्टों के नियंत्रण में है. बहादुर छात्रों की आवाज आज डरी हुई है. जेएनयू की हिंसा से डर झलकता है.  लगता है यह सरकार छात्रों की गूंज से घबरा गई है.

कांग्रेस केवल बयान ही नहीं दे रही बल्कि विश्वविद्यालयों के छात्रों को खुला समर्थन देकर अब सड़कों पर उतरने की तैयारी में भी है. चूंकि  दिल्ली में चुनाव घोषित हो चुके है इसलिए पार्टी के नेता मानते है कि मोदी सरकार और भाजपा को घेरने के लिए अब सड़कों पर उतरने का समय है. 

जेएनयू हिंसा की जांच के लिए सोनिया ने बनाई कमेटी

जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर तथ्यों का पता लगाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है.  इस समिति में सुष्मिता देव भूतपूर्व सांसद, हेबी एडन सांसद, सैय्यद नासिर हुसैन सांसद और अमृता धवन सदस्य होगें. यह समिति विश्वविद्यालय में जाकर तथ्यों का पता लगाएगी और कांग्रेस अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. 

इस बीच राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने बयान जारी कर मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है शिक्षण संस्थानों की स्वाय्यता खतरे में पड़ गयी है लोकतंत्र की संस्थाओं को बर्बाद किया जा रहा है और युवाओं और छात्रों की आवाज़ को दबाया जा रहा है. 

आजाद का मानना था कि सत्ता के दम पर विरोध करने वाले स्वरों को दबाना लोकतंत्र के बड़ा खतरा है केवल छात्रों पर ही नहीं हिंसा करने वालों ने शिक्षकों पर हमला बोला और सरकार तथा पुलिस पूरे घटनाक्रम को चुपचाप देखती रही.

Web Title: Entire Congress came out in support of students of JNU violence Sonia Gandhi formed committee for investigation

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