सुनिश्चित करें कि भारत को धोखा देने वालों को दुनिया में कहीं पनाह ना मिले : प्रधानमंत्री मोदी
By भाषा | Published: October 20, 2021 02:10 PM2021-10-20T14:10:48+5:302021-10-20T14:10:48+5:30
केवडिया (गुजरात), 20 अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि देश को धोखा देने वालों को दुनिया में कहीं भी पनाह ना मिले।
गुजरात के केवडिया में केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के एक संयुक्त सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चाहे कोई व्यक्ति कितना भी ताकतवर हो, राष्ट्रहित या उसके लोगों के खिलाफ काम करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब विदेश में शरण लेने वाले विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे कथित आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के लिए केन्द्र सरकार कानूनी कार्रवाई कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ आपको यह याद रखना होगा कि आपकी साझेदारी इस मिट्टी के साथ है, भारत माता के साथ है। देश या उसके लोगों को धोखा देने वालों को दुनिया में कहीं भी पनाह ना मिले। कोई कितना भी ताकतवर क्यों ना हो, राष्ट्रहित या उसके लोगों के खिलाफ काम करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। हमें देशहित में अपना काम जारी रखना चाहिए।’’
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार पिछले छह-सात साल में कड़ी मेहनत कर जनता के बीच यह विश्वास कायम करने में सफल हुई है, कि भ्रष्टाचार को रोकना संभव है और बिना बिचौलियों के भी उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है।
मोदी ने कहा, ‘‘ हम पिछले छह-सात साल में कड़ी मेहनत कर जनता के बीच यह विश्वास कायम करने में सफल हुए हैं कि देश में भ्रष्टाचार रोकना संभव है। देश में लोगों को अब विश्वास है कि आज बिना बिचौलियों के भी उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ भ्रष्टाचार, चाहे छोटा हो या बड़ा हो... इससे हमेशा आम जनता के अधिकारों का हनन होता है। यह देश की प्रगति में बाधक है और हमारी सामूहिक रूप से काम करने की शक्ति को प्रभावित करता है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की इच्छा नहीं थी।
उन्होंने कहा, ‘‘ पूर्ववर्ती सरकारों ने जिस तरह से काम किया, उसमें राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति दोनों की कमी थी। आज, भ्रष्टाचार पर प्रहार की राजनीतिक इच्छाशक्ति भी है और प्रशासनिक स्तर पर निरंतर सुधार भी किए जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद, सरकारों की मानसिकता सब कुछ अपने नियंत्रण में रखने की थी। उन सरकारों ने अधिकतम नियंत्रण रखा, जिसकी वजह से व्यवस्था में अनेक प्रकार की गलत प्रवृत्तियों ने जन्म लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘ अधिकतम नियंत्रण..चाहे वह घर में हो, परिवार में हो या देश में हो, इससे अधिकतम नुकसान ही होता है। इसलिए हमने इस नियंत्रण को कम कर, देशवासियों के जीवन को आसान बनाने के लिए एक अभियान शुरू किया। हम न्यूनतम शासन, अधिकतम सुशासन में विश्वास रखते हैं।’’
प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी का उपयोग कर और लोगों पर भरोसा कर पिछले सात वर्षों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उनकी सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘ आप सभी देख रहे हैं कि कैसे हमने लोगों को स्वतंत्र करने के लिए विश्वास और तकनीक का इस्तेमाल किया, जिसने कई तरह से भ्रष्टाचार को रोका है।’’
मोदी ने अधिकारियों से धोखाधड़ी होने के बाद अपराध के तरीकों का पता लगाने पर ही ध्यान केंद्रित करने के बजाय, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भी काम करने को कहा।
उन्होंने सीबीआई और सीवीसी के अधिकारियों से लोगों को साइबर धोखाधड़ी से बचाने के तरीके खोजने के वास्ते विचार-मंथन करने को भी कहा।
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