करदाता को प्रोत्साहित कीजिए, उन पर टैक्स का बोझ मत डालिए, कर विवादों का निपटारा तेजी से करने की जरूरत : प्रधान न्यायाधीश

By भाषा | Published: January 24, 2020 08:59 PM2020-01-24T20:59:10+5:302020-01-24T20:59:10+5:30

प्रधान न्यायाधीश ने लंबित पड़े कर विवादों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर से जुड़ी न्यायिक प्रणाली देश के संसाधन जुटाने में अहम भूमिका निभाती है। वह यहां आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के 79वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

Encourage taxpayers, do not impose tax burden on them, need to settle tax disputes quickly: CJI | करदाता को प्रोत्साहित कीजिए, उन पर टैक्स का बोझ मत डालिए, कर विवादों का निपटारा तेजी से करने की जरूरत : प्रधान न्यायाधीश

न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि लोगों को यह पता होना चाहिए कि उनके ऊपर सरकार का कितना बकाया है।

Highlightsकरदाताओं के लिए कर विवादों का तेजी से निपटान उनके लिए एक प्रोत्साहन की तरह होता है।सही तरह से आकलित की गयी कर मांग किसी तरह के कानूनी विवाद में नहीं फंसेगी।

भारत के प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे ने शुक्रवार को देश में कर विवादों का निपटारा तेजी से करने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि यह करदाताओं के लिए एक प्रोत्साहन की तरह होगा और कानूनी वाद में फंसी राशि को मुक्त करेगा।

प्रधान न्यायाधीश ने लंबित पड़े कर विवादों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर से जुड़ी न्यायिक प्रणाली देश के संसाधन जुटाने में अहम भूमिका निभाती है। वह यहां आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के 79वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा,‘‘ करदाताओं के लिए कर विवादों का तेजी से निपटान उनके लिए एक प्रोत्साहन की तरह होता है। वहीं कर संग्रह करने वाले को कुशल कर न्यायिक व्यवस्था इस बात का आश्वासन देती है कि सही तरह से आकलित की गयी कर मांग किसी तरह के कानूनी विवाद में नहीं फंसेगी।’’

उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों और सीमाशुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवाकर अपीलीय न्यायाधिकरण (सीईएसटैट) में अप्रत्यक्ष कर के लंबित पड़े कर विवादों में अपीलों की संख्या को दो साल के भीतर 61 प्रतिशत कम करके 1.05 लाख पर लाया गया है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय और सीईएसटैट में 30 जून 2017 को लंबित अपीलों की संख्या 2,73,591 थी जो 31 मार्च 2019 तक घटकर 1,05,756 रह गयी। इसी तरह प्रत्यक्ष कर के मामलों में 31 मार्च 2019 तक अपील आयुक्त के समक्ष लंबित मामलों की संख्या 3.41 लाख और आईटीएटी में लंबित मामलों की संख्या 92,205 है।

न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि लोगों को यह पता होना चाहिए कि उनके ऊपर सरकार का कितना बकाया है और सरकार को भी यह पता होना चाहिए कि उसे लोगों से कितना वसूलना है। इसी से हम कर विवादों का तेजी से निपटान कर सकेंगे। 

Web Title: Encourage taxpayers, do not impose tax burden on them, need to settle tax disputes quickly: CJI

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