Electoral Bonds: "यह सच है, चुनाव लड़ने के लिए हर पार्टी को पैसे की जरूरत होती है", नितिन गडकरी ने चुनावी बॉन्ड की आलोचना का बचाव करते हुए कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 18, 2024 08:53 AM2024-03-18T08:53:12+5:302024-03-18T08:56:33+5:30
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए विवादास्पद चुनावी बॉन्ड योजना का बचाव करते हुए आलोचकों से पूछा कि आखिर इसमें गलत क्या है, यह एक 'विचार' भर है।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए विवादास्पद चुनावी बॉन्ड योजना का बचाव करते हुए आलोचकों से पूछा कि आखिर इसमें गलत क्या है, यह एक 'विचार' भर है।
समाचार चैनल एनडीटीवी को दिये इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री गडकरी वे कहा, “यह एक विचार था कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से पार्टियों को चंदा मिलेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को नंबर एक के पायदान पर धकेलने में मदद मिलेगी। इसमें गलत क्या था? यह सच है कि पार्टियों को चुनाव लड़ने के लिए पैसे की जरूरत होती है और हर पार्टी को इसकी जरूरत है।''
हालांकि गडकरी ने चुनावी बॉन्ड के विषय में शीर्ष अदालत के दिये फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना को वापस लेने का एक और 'नुकसान' है।
उन्होंने काले धन का जिक्र करते हुए कहा, "यदि आप चुनावी बॉन्ड को अस्वीकार करते हैं, तो लोग राजनीतिक दलों को 'नंबर दो' में पैसे देंगे।"
केंद्रीय परिवहन मंत्री ने विपक्ष द्वारा सत्तारूढ़ भाजपा पर लगभग 7000 करोड़ रुपये का बॉन्ड लेने और सबसे बड़ी लाभार्थी होने का आरोप लगाने के आरोप को खारिज कर दिया। साक्षात्कार के दौरान गडकरी ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि चुनावी बॉन्ड काले धन को सिस्टम में वापस ला सकते हैं।
उन्होंने कहा, “जिस पैसे से विकास हो रहा है। वह राजस्व और रोजगार पैदा करता है, वह काला कैसे हो सकता है? असली समस्या वह पैसा है जिसे देश के बाहर ले जाया जाता है और कहीं दूसरी जगह फेंक दिया जाता है।''
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड को 'असंवैधानिक' करार देते हुए रद्द करने का आदेश दिया था। चुनावी बॉन्ड योजना तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा बजट 2017 में पेश की गई थी।
चुनावी बॉन्ड की पहली किश्त मार्च 2018 में जारी की गई थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को चुनावी बॉन्ड जारी करने और दान दाताओं का विवरण रखने की जिम्मेदारी थी।