चुनाव आयोग चाहता है नरेंद्र मोदी सरकार से और अधिक शक्तियां, इन मुद्दों पर दे रहा है जोर
By रामदीप मिश्रा | Published: September 29, 2019 08:10 AM2019-09-29T08:10:29+5:302019-09-29T08:10:29+5:30
चुनाव आयोगचाहता है कि पोस्टल वैलेट की माध्यम से वोट डालने की सुविधा को आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों तक बढ़ाया जाए, जिसकी पहचान उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के आधार पर की जाएगी।
भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) खुद को और मजूबत करना चाह रहा है। यही वजह है कि वह नरेद्र मोदी सरकार से अधिक पावर लेने की कोशिश में जुटा हुआ है। वह चाहता है कि कानून मंत्रालय उसे और शक्ति दे। माना जा रहा है कि इनमें राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने और उम्मीदवारों के दो सीटों से चुनाव लड़ने पर बैन लगाने जैसी मांगें शामिल हैं।
चुनाव आयोग यह भी चाहता है कि पोस्टल वैलेट की माध्यम से वोट डालने की सुविधा को आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों तक बढ़ाया जाए, जिसकी पहचान उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के आधार पर की जाएगी। बताया गया है कि इन सेवाओं में स्वास्थ्य, विमानन और रेलवे क्षेत्र शामिल हो सकते हैं।
मौजूदा समय में सर्विस वोटर केवल वही हैं जो सशस्त्र बलों, राज्य पुलिस बलों, विदेशों में तैनात सरकारी कर्मचारी, चुनाव ड्यूटी पर रहने वाले और नजबंदी में रखे गए हैं। इन लोगों को पोस्टल वैलेट के जरिए वोट करने की अनुमति दी गई है।
चुनाव आयोग ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट को दिए एक हलफनामे में कहा था कि अगर कोई राजनीतिक दल संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उसे निष्क्रिय करने का अधिकार होना चाहिए।
इसमें कहा गया था कि कानून आयोग को एक पार्टी को पंजीकृत करने की अनुमति देता है, लेकिन पार्टी द्वारा गैरकानूनी कदम उठाने या धोखाधड़ी में लिप्त होने की स्थिति में उसे रद्द करने के लिए कोई शक्ति प्रदान नहीं की जाती है।