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Election Commission: दिलीप घोष और सुप्रिया श्रीनेत पर एक्शन, निर्वाचन आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया, 29 मार्च तक जवाब दो

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 27, 2024 18:18 IST

Election Commission of India 2024: टिप्पणियां आदर्श आचार संहिता और चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों को गरिमा बनाए रखने की सलाह का उल्लंघन हैं।

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ठळक मुद्दे29 मार्च शाम तक कारण बताओ नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर दिए गए अपने विवादास्पद बयान पर बुधवार को खेद जताया। कथित वीडियो क्लिप में बनर्जी की पारिवारिक पृष्ठभूमि का मजाक उड़ाते हुए सुना गया था।

Election Commission of India 2024: निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अदाकारा कंगना रनौत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता दिलीप घोष और कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत को कारण बताओ नोटिस जारी किया। रनौत को भाजपा ने आम चुनाव के लिए हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। निर्वाचन आयोग ने घोष और श्रीनेत की टिप्पणियों को ‘‘अशोभनीय और गलत’’ बताया। आयोग ने कहा कि प्रथम दृष्टया, दोनों टिप्पणियां आदर्श आचार संहिता और चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों को गरिमा बनाए रखने की सलाह का उल्लंघन हैं। घोष और श्रीनेत को 29 मार्च शाम तक कारण बताओ नोटिस का जवाब देने को कहा गया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर दिए गए अपने विवादास्पद बयान पर बुधवार को खेद जताया। घोष के मुख्यमंत्री के संबंध में दिए बयान से विवाद खड़ा हो गया था और भाजपा ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। घोष को एक कथित वीडियो क्लिप में बनर्जी की पारिवारिक पृष्ठभूमि का मजाक उड़ाते हुए सुना गया था।

भाजपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी और अन्य लोगों को उनके शब्दों के चयन पर आपत्ति है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा है तो मुझे इसके लिए खेद है।’’ तृणमूल कांग्रेस ने घोष की टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। पार्टी ने आरोप लगाया कि घोष के बयान से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है।

पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष घोष ने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री से कोई निजी दुश्मनी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार नहीं है कि मेरे बयानों पर विवाद खड़ा हुआ है, क्योंकि मैं गलती करने वालों के मुंह पर अपनी बात कहता हूं।’’ उन्होंने दावा किया कि उन्होंने केवल बनर्जी के राजनीतिक बयानों का विरोध किया था जो लोगों को ‘बहकाने’ के लिए थे।

हालांकि, घोष ने यह भी कहा कि उनकी टिप्पणियों पर महिला सम्मान की बात उठी है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और उनके पिता शिशिर अधिकारी के खिलाफ अपमानजनक बात कही है, जिस पर कोई बात नहीं हो रही। घोष ने दुर्गापुर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘क्या शुभेंदु केवल इसलिए सम्मान की अपेक्षा नहीं कर सकते क्योंकि वह पुरुष हैं?’’

भाजपा नेता ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस चुनिंदा तरीके से ‘महिला कार्ड’ खेल रही है जबकि उसके खुद के नेता ने अधिकारी परिवार के खिलाफ अपमानजनक शब्द कहे थे। भाजपा ने मेदिनीपुर से निवर्तमान सांसद घोष को इस चुनाव में बर्द्धमान-दुर्गापुर संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतारा है। उन्होंने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के नारे ‘बांग्ला निजेर मेये के चाय’ का मजाक उड़ाया था जिसका अर्थ है ‘बंगाल अपनी बेटी को ही चाहता है’। घोष ने मुख्यमंत्री बनर्जी के संदर्भ में कहा, ‘‘जब वह गोवा जाती हैं तो कहती हैं कि गोवा की बेटी हैं। त्रिपुरा में वह खुद को त्रिपुरा की बेटी बताती हैं। पहले वह स्पष्ट करें.......।’’

भाजपा ने इन टिप्पणियों की निंदा करते हुए घोष को लिखे पत्र में कहा कि ये बयान ‘असंसदीय’ है और पार्टी की संस्कृति के खिलाफ है। भाजपा प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी महिलाओं के बारे में और वो भी एक मुख्यमंत्री के बारे में इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करती और इसलिए घोष से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी इन टिप्पणियों की निंदा करते हुए कहा कि वह अपमानजनक टिप्पणियों का इस्तेमाल करते हुए राजनीति करने में भरोसा नहीं करते। उन्होंने कहा, ‘‘जो भी ऐसा करता है हम उसकी निंदा करते हैं, चाहे वह भाजपा में हो, तृणमूल कांग्रेस में हो या कांग्रेस में।’’

प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा) उल्लंघन मामले में पूछताछ के लिए तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को नया समन जारी कर 28 मार्च को तलब किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय एजेंसी ने इससे पहले भी तृणमूल नेता को दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वह आधिकारिक काम का हवाला देकर उपस्थित नहीं हुईं और नोटिस को टालने की मांग की थी। सूत्रों ने बताया कि मोइत्रा और हीरानंदानी को बृहस्पतिवार को यहां ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया है।

हीरानंदानी को एजेंसी ने उनके मुंबई स्थित ‘रियल्टी समूह’ के खिलाफ एक अलग फेमा मामले में भी तलब किया था। इससे पहले उनके पिता निरंजन हीरानंदानी मुंबई में ईडी के सामने पेश हुए थे। मौजूदा मामले में सूत्रों ने बताया कि मोइत्रा से कथित तौर पर जुड़े एक अधिवक्त से ईडी ने बुधवार को यहां अपने कार्यालय में पूछताछ की।

मोइत्र को ‘रिश्वत लेकर सवाल पूछने’ के मामले में दिसंबर में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। उन्हें उनकी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से फिर से उम्मीदवार घोषित किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे ने ‘रिश्वत लेकर सवाल पूछने’ के मामले में भ्रष्टाचार रोधी संस्थान लोकपाल को शिकायत दी थी जिसकी जांच के निर्देश गए थे।

इसके कुछ दिन बाद शनिवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस संबंध में मोइत्रा के परिसर की तलाशी ली थी। लोकसभा सदस्य दुबे ने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने उद्योगपति गौतम अडाणी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अन्य लोगों पर निशाना साधने के लिए दुबई के कारोबारी हीरानंदानी से ‘नकदी और उपहार’ हासिल कर सदन में सवाल पूछे थे।

सूत्रों ने बताया कि कुछ अन्य विदेशी मुद्र और धनराशि हस्तांतरण के अलावा, ऐसे अप्रवासी भारतीयों के देश से बाहर खोले गए खातों से जुड़ा लेनदेन ईडी जांच के दायरे में हैं। मोइत्रा ने इन आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया था कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने अडाणी समूह को लेकर सवाल उठाए थे।

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