महाराष्ट्र: शिंदे सरकार 4 जुलाई को फ्लोर टेस्ट का करेगी सामना, विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी विधायक राहुल नार्वेकर ने किया नामांकन
By रुस्तम राणा | Published: July 1, 2022 06:59 PM2022-07-01T18:59:57+5:302022-07-01T19:02:49+5:30
विधान भवन के एक अधिकारी ने बताया कि भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया।
मुंबई: महाराष्ट्र में नवगठित एकनाथ शिंदे की सरकार को 4 जुलाई को विधानसभा के पटल पर फ्लोर टेस्ट का सामना करना होगा। एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में शिंदे ग्रुप की शिवसेना-भाजपा सरकार 4 जुलाई को शक्ति परीक्षण का सामना करेगी। विधान भवन के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक राहुल नार्वेकर ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया है।
उन्होंने कहा कि इस पद के लिए चुनाव 3 जुलाई को होगा, जब सदन का विशेष दो दिवसीय सत्र शुरू होगा। कांग्रेस के नाना पटोले के पिछले साल फरवरी में पद से इस्तीफा देने के बाद से यह पद खाली है। विधान भवन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे चार जुलाई को विधानसभा में अपना विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे।
बता दें कि इससे पहले यह जानकारी सामने आई थी कि महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र तीन जुलाई से शुरू होगा। राज्य विधानमंडल सचिवालय द्वारा विधानसभा सदस्यों को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सदन के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 3 जुलाई को होगा। पद के लिए नामांकन 2 जुलाई को दोपहर 12 बजे तक स्वीकार किए जाएंगे।
वहीं सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को एक याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार है, जिसमें शिवसेना द्वारा दायर एक याचिका भी शामिल है, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोही पार्टी के नेताओं को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है।
शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने शुक्रवार को शीर्ष अदालत का रुख कर उन्हें सदन से निलंबित करने की मांग की, जब तक कि उनकी अयोग्यता पर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता। प्रभु ने उन्हें विधानसभा में प्रवेश करने से रोकने का आदेश भी मांगा है।
उधर, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नई सरकार के गठन को लेकर कहा कि जिस तरह से सरकार बनी है और एक तथाकथित शिवसेना कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया है, मैंने अमित शाह से यही कहा था। उन्होंने कहा, ये सम्मानपूर्वक किया जा सकता था। शिवसेना आधिकारिक तौर पर(उस समय) आपके साथ थी। ठाकरे ने स्पष्ट कहा कि यह मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) शिवसेना के नहीं हैं।