पटना: लाउडस्पीकर और अजान को लेकर जहां देश के कुछ हिस्सों में विवाद चल रहा है, वहीं पटना के एक मस्जिद और मंदिर ने सांप्रदायिक सद्भाव का प्रदर्शन किया है। ये दोनों मंदिर और मस्जिद आपस में एक-दूसरे की प्रार्थनाओं और समारोहों का सम्मान करते है और किसी को तकलीफ नहीं होने देते हैं। बताया जा रहा है कि जब भी मस्जिद की अजान शुरू होती है तो ऐसे में मंदिर अपने लाउडस्पीकरों को बंद कर देता है, वहीं मस्जिद के लोगों को राम नवमी के जुलूस के दौरान शरबत भी पिलाते देखा गया है। इस तरीके से दोनों मंदिर और मस्जिद एक दूसरे के भावनाओं का ख्याल रखते हैं। मंदिर और मस्जिद के लोगों का कहना है कि उन्हें एक दूसरे से कोई दिक्कत नहीं है और वे यहां बड़े ही प्यार से रहते हैं।
क्या कहा मंदिर और मस्जिद के लोगों ने
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मंदिर और मस्जिद के लोगों ने कहा वे एक दूसरे के धर्म का ख्याल रखते हैं। पटना मस्जिद के अध्यक्ष फैसल इमाम ने बताया कि मंदिर सम्मान के रूप में जब भी अजान होती है, वह अपना लाउडस्पीकर को बंद कर देता है। उन्होंने यह भी कहा कि ठीक उसी तरह से वो लोग भी हिन्दुओं को राम नवमी के जुलूस के दौरान उन्हें शरबत पिलाते हैं। फैसल इमाम ने यह भी कहा कि मंदिर में सारा दिन भजन-कीर्तन बजते रहते हैं, लेकिन जब हमारे मस्जिद से अजान होती है तो वे वहां से लाउडस्पीकर को बंद कर देते हैं। आपको बता दें कि यहां पर मौजूद मंदिर और मस्जिद की दूरी केवल 50 मीटर है, ऐसे में भजन-कीर्तन हो या अजान की आवाज, सब साफ सुनाई देता है।
क्या कहा है बिहार के सीएम ने
आपको बता दें कि लाउडस्पीकर विवाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना रूख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे या उनकी सरकार कभी भी "ऐसी राजनीति में शामिल नहीं होगी" या किसी भी धर्म में हस्तक्षेप नहीं करेगी। वहीं इस बीच यूपी में सुबह के सात बजे तक करीब 53,942 लाउडस्पीकरों को हटा दिया गया है। ऐसे में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे का भी एक बयान है जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के सरकार को यह अल्टीमेटम दिया है कि राज्य के सभी मस्जिदों से तीन मई तक सभी लाउडस्पीकर को हटा दिए जाए।