Punjab Congress, Navjot Sidhu latest news: पंजाब कांग्रेस में कलह जारी है। पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ सियासी खींचतान तेज हो गई है। प्रदेश के प्रभारी हरीश रावत ने साफ कहा है कि अमरिंदर सिंह ने नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।
कैप्टन के साथ चल रहे सियासी टकराव के बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने अमृतसर में कड़े तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें निर्णय लेने की खुली छूट नहीं दी तो ईंट से ईंट बजा देंगे। पंजाब प्रमुख ने कहा कि दर्शनी घोड़ा बनने से कोई फायदा नहीं है। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सिद्धू की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब कांग्रेस के शीर्ष नेता उनके दो सलाहकारों की हालिया टिप्पणियों से नाराज हैं। इससे पहले आज सिद्धू के सलाहकारों में से एक मलविंदर सिंह माली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सिद्धू के सलाहकार माली और प्यारे लाल गर्ग ने कश्मीर और पाकिस्तान के संवेदनशील विषयों पर अपनी टिप्पणियों से विवाद खड़ा कर दिया था।
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी नेतृत्व से कहा है कि उन्हें फैसले लेने की आजादी दी जाए, नहीं तो वह मुंहतोड़ जवाब देंगे। दूसरी तरफ, कांग्रेस काकहना है कि पार्टी की राज्य इकाइयों के प्रमुख कांग्रेस के मापदंडों और संविधान के दायरे में रहकर फैसले करने के लिए स्वतंत्र हैं।
इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि अगर राज्य इकाई के प्रमुख फैसले नहीं करेंगे तो कौन करेगा। सिद्धू ने पहले कहा कि कांग्रेस आलाकमान को उन्हें फैसले करने की आजादी देनी चाहिए और वह सुनिश्चित करेंगे कि कांग्रेस राज्य की सत्ता में अगले 20 साल बनी रहे। उनका कहना है कि उन्होंने इसको लेकर रूपरेखा तैयार की है। उन्होंने अमृतसर में एक सभा में कहा, ‘‘पार्टी आलाकमान को निर्णय लेने की आजादी देनी चाहिए, अन्यथा मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।’’
उनकी इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर रावत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं देखूंगा कि सिद्धू ने किस संदर्भ में यह टिप्पणी की है। वह पंजाब कांग्रेस के सम्मानीय अध्यक्ष हैं। अगर प्रदेश अध्यक्ष फैसले नहीं करेंगे तो कौन करेगा।’’ सिद्धू के सलाहकार मलविंदर माली की जम्मू-कश्मीर से जुड़ी विवादित पोस्ट पर रावत ने कहा कि माली ने कहा है कि उन्होंने निजी हैसियत से यह बोला था और इस टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया है, ऐसे में यह मामला खत्म हो गया है।
रावत ने एक सवाल के जवाब में भी यह कहा कि माली को हटाने के बारे में फैसला सिद्धू को करना है कि क्योंकि यह नियुक्ति कांग्रेस की ओर से नहीं की गई है। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘ कोई भी व्यक्ति जो जम्मू-कश्मीर और दूसरे संवेदनशील मुद्दों पर कोई ऐसा बयान देता है जिससे देश के लोगों की संवेदनाओं को चोट पहुंचती है तो हम उसकी निंदा करते हैं। सिद्धू के सलाहकार ने जो कहा है कि उसका कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है।’’