ईडी ने नई शराब नीति केस में स्पेशल कोर्ट को बताया, "'आप' के मीडिया प्रभारी विजय नायर ने आप नेता के लिए लिये थे 100 करोड़ रुपये"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 1, 2022 12:59 PM2022-12-01T12:59:56+5:302022-12-01T13:06:07+5:30
दिल्ली शराब घोटाले केस में ईडी ने स्पेशल कोर्ट में दस्तावेज पेश करके बताया है कि आम आदमी पार्टी के मीडिया प्रभारी विजय नायर ने पार्टी के एक प्रमुख नेता के लिए अवैध रूप से 100 करोड़ रुपये लिये थे।
दिल्ली:प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली शराब घोटाले में हुए मनी लांड्रिंग मामले में स्पेशल कोर्ट को बताया है कि आम आदमी पार्टी के मीडिया प्रभारी विजय नायर ने पार्टी के एक प्रमुख नेता के लिए अवैध रूप से 100 करोड़ रुपये लिये थे। ईडी के मुताबिक नायर के पास यह पैसे एक ग्रुप के पास से आये, जिसे साउथ ग्रुप कहा जाता है। इसमें सरथ रेड्डी, के कविता, एम श्रीनिवासुलु रेड्डी शामिल हैं। इस सभी में के कविता की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
यहां एक बात गौर करने वाली है कि इस साल अगस्त में दो भाजपा नेताओं परवेश वर्मा और मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया था कि दिल्ली शराब घोटाले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी और विधान परिषद की सदस्य के कविता भी दिल्ली शराब नीति को बनवाने में परोक्ष तौर से शामिल हैं। वहीं भाजपा नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए सीएम केसीआर की बेटी कविता ने कहा कि वह इन आरोपों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगी।
समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ईडी द्वारा बुधवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किये गये दस्तावेज में साउथ ग्रुप और इसे कंट्रोल करने वाले लोगों के नामों के खुलासे पर के कविता की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आयी है। स्पेशल कोर्ट में ईडी ने कहा कि अब तक की जांच में जो बातें सामने आयी है, उससे यह पता चला है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं और दिल्ली सरकार के कुछ लोगों द्वारा मिलकर तय की गई। इसके जरिये कुछ लोगों ने राज्य के राजस्व को चोट पहुंचाते हुए अवैध धनराशि इकट्ठा की गई।
दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के मामले में ईडी ने सितंबर में केस दर्ज किया था और इसके लिए उसने सीबीआई द्वारा अगस्त की दर्ज की गई एफआईआर को आधार बनाया था। कोर्ट में विजय नायर की ओर से पेश हुए वकील समुद्र सारंगी ने ईडी के आरोपों को तथ्यहीन बताते हुए खारिज कर दिया। ईडी ने गुड़गांव के बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा की गिरफ्तारी के बाद रिमांड आवेदन में कोर्ट से कहा कि दिल्ली आबकारी नीति में जानबूझकर खामियों की गुंजाइश छोड़ी गई थी ताकि कुछ लोग इसका अवैध फायदा उठा सकें।
ईडी ने कहा कि वास्तव में यह नीति पिछले दरवाजे से अवैध कारगुजारियों को बढ़ावा देने वाली थी। इस नीति के तहत थोक में 12 फीसदी और खुदरा में 185 फीसदी लाभ का मार्जिन दिया गया और साथ में अन्य तरह की अवैध गतिविधियों को बी बढ़ावा दिया गया।
मामले की जांच कर रहे ईडी के सहायक निदेशक जोगेंद्र ने कोर्ट में कहा कि शराब के थोक विक्रेताओं को 12 फीसदी लाभ का आधा हिस्सा आप नेताओं को रिश्वत के देने के लिए था। उन्होंने कहा, “अब तक की जांच से स्पष्ट है कि विजय नायर ने आप नेताओं की ओर से कम से कम 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली, जिसे साउथ ग्रुप ने दिया था। जिसे सरथ रेड्डी, के कविता, एम श्रीनिवासुलु रेड्डी द्वारा कंट्रोल किया जाता है। अमित अरोड़ा सहित विभिन्न व्यक्तियों द्वारा बयान में इस बात को स्वीकार किया गया है।
जांच अधिकारी के अनुसार, विजय नायर ने दिनेश अरोड़ा और अमित अरोड़ा के साथ मिलकर कुछ थोक विक्रेताओं को एल-1 लाइसेंस वापस करने के लिए मजबूर किया गया और फिर अपनी पसंद के थोक विक्रेताओं को चुनने और लाभ देने के लिए मजबूर किया गया।
उन्होंने कहा, “इस साजिश के कारण सरकार को 12 फीसदी राजस्व का नुकसान हुआ, जो लगभग 581 करोड़ रुपये होती है। नई शराब नीति केवल निजी प्लेयर्स को भरने के लिए बनाया गया था और इसके जरिये आप नेताओं की निजी तिजोरी भरा गया और वो भी सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने की कीमत पर।"