AIADMK के अंतरिम महासचिव बने ई पलानीस्वामी, पन्नीरसेल्वम को पार्टी से निकाला गया, दी कोर्ट में जाने की धमकी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 11, 2022 02:53 PM2022-07-11T14:53:34+5:302022-07-11T14:57:18+5:30
चेन्नईः तमिलनाडु में जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके में वर्चस्व की लड़ाई ने सोमवार नाटकीय रूप ले लिया। पार्टी के दो नेताओं इडापड्डी के पलानीस्वामी और ओ पन्नीरसेल्वम के समर्थक आमने-सामने आ गए। दोनों ही तरफ के समर्थकों ने पार्टी कार्यालय के अंदर और बाहर हिंसा और तोड़फोड़ की। ई पलानीस्वामी को अंतरिम सचिव बनाए जाने के बाद पन्नीरसेल्वम को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया और हिंसा को लेकर अधिकारियों ने सोमवार को पार्टी के मुख्यालय को सील कर दिया।
पार्टी से निकाले जाने को लेकर पन्नीरसेल्वम ने अदालत में जाने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे, कानूनी कार्रवाई करेंगे और कार्यकर्ताओं के बीच न्याय मांगने जाएंगे। इसके साथ ही वह पार्टी कार्यालय से निकल गए। ना सिर्फ ओ. पन्नीरसेल्वम को बल्कि उनके समर्थक- जेसीडी प्रभाकर, आर. वैथलिंगम और पीएच. मनोज पांडियन को भी एआईएडीएमके से बर्खास्त कर दिया गया है।
राजस्व अधिकारियों ने अन्नाद्रमुक मुख्यालय ‘एम जी आर मालिगई’ को सील कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई हिंसा के मद्देनजर की गई है, पार्टी कार्यालय में मौजूद सभी लोगों को पुलिस ने बाहर निकाल दिया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और राजस्व अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच हिंसा हुई और इसके बाद उन्होंने अवाई षणमुगम सलाई में अन्नाद्रमुक के मुख्यालय में तोड़फोड़ की।
पलानीस्वामी ने पन्नीरसेल्वम को सत्तारुढ़ दल द्रमुक की ‘कठपुतली’ बताया और उन्हें हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहाराया। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पन्नीरसेल्वम ने पार्टी के कार्यालय से और पार्टी की दिवंगत प्रमुख जे जयललिता के कार्यालय कक्ष से सभी कागजात निकाल लिए हैं। अन्नाद्रमुक के नेता डी जयकुमार ने कहा कि पुलिस को पहले ही पार्टी कार्यालय की सुरक्षा की अर्जी दी गई थी और अब उनका डर सच साबित हुआ है। उन्होंने हिंसा के लिए पन्नीरसेल्वम और उनके समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया तथा पार्टी का कार्यालय सील करने के लिए सरकार की आलोचना की।