कोरोना संकट के दौरान मोदी सरकार के वित्त मंत्रालय ने राजस्व घाटा अनुदान के रूप में 14 राज्यों के लिए जारी किए 6195 करोड़ रुपये
By भाषा | Published: May 12, 2020 06:13 AM2020-05-12T06:13:57+5:302020-05-12T06:13:57+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण के कार्यालय ने ट्विटर पर कहा है कि सरकार ने 11 मई 2020 करे दूसरी किस्त के रूप में 14 राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में कुल 6,195.08 करोड़ रुपये जारी किए।
नयी दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के वित्त मंत्रालय ने सोमवार को 14 राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में 6,195 करोड़ रुपये जारी किया। कोरोना वायरस संकट के दौरान राज्यों के संसाधन बढ़ाने के लिये यह राशि जारी की गयी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण के कार्यालय ने ट्विटर पर कहा, ‘‘सरकार ने 11 मई 2020 करे दूसरी किस्त के रूप में 14 राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में कुल 6,195.08 करोड़ रुपये जारी किये। यह 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुरूप है...इससे राज्यों को कोरोना संकट के दौरान अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध हो पाएगा।’’
राज्यों को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बाद राजस्व में किसी प्रकार का नुकसान होने के एवज में राजस्व घाटा अनुदान दिया जाता है। जिन राज्यों को अनुदान जारी किया है, उसमें केरल को 1,276.91 करोड़ रुपये, पंजाब को 638 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल को 417.75 करोड़ रुपये दिये गये।
इससे पहले तीन अप्रैल को मंत्रालय ने 14 राज्यों को ‘केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बाद राजस्व घाटा अनुदान’ के रूप में 6,195 करोड़ रुपये जारी किया था। ये राज्य आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, सिक्किम, तिमलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल थे।
बता दें कि पिछले दिनों देश के साथ बिहार में लॉकडाउन से पैदा हुए हालातों के बारे में सुशील मोदी ने चिट्ठी लिखकर कहा कि 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत मिलने वाली राशि बिहार को पहली तिमाही में ही दे दी जाए।
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने केंद्र को पत्र लिखकर 7 हजार 434 करोड़ की राशि की मांग की है। सुशील मोदी ने 15 वे वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत 7434 करोड़ के अनुदान के साथ विश्विद्यालयों शिक्षकों के वेतन पर होने वाले खर्च और समग्र शिक्षा अभियान का केन्द्रांश पहली तिमाही में ही देने की बात कही। सुशील मोदी ने पत्र में लिखा है कि पंद्रहवे वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत 2020-21 में पंचायती राज संस्थाओं को और 5018 करोड़ शहरी निकायों को 2416 करोड़ मिलना तय हुआ है। यह राशि यदि पहले मिल जाएगी तो राज्य में कई काम करने में सुविधा होगी अन्यथा बारिश के कारण काम करना कठिन हो जाएगा।