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कोरोना का खौफः दर्द-बुखार से तड़पती रही गर्भवती, अस्पतालों ने नहीं किया भर्ती, बच्चे को जन्म देते ही महिला की मौत

By गुणातीत ओझा | Updated: April 24, 2020 10:35 IST

कोरोना का खौफ लोगों में ही नहीं अस्पतालों में भी इस कदर व्याप्त है कि जरूरतमंद को सही उपचार नहीं मिल पा रहा है। कोविड-19 महामारी फैलने के बाद ऐसे कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं जब कोरोना संदिग्ध बताकर मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया और उसकी मौत हो गई।

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ठळक मुद्देकोरोना का खौफ लोगों में ही नहीं अस्पतालों में भी इस कदर व्याप्त है कि जरूरतमंद को सही उपचार नहीं मिल पा रहा है।कोविड-19 महामारी फैलने के बाद ऐसे कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं जब कोरोना संदिग्ध बताकर मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया और उसकी मौत हो गई।

रायचूर। कोरोना का खौफ लोगों में ही नहीं अस्पतालों में भी इस कदर व्याप्त है कि जरूरतमंद को सही उपचार नहीं मिल पा रहा है। कोविड-19 महामारी फैलने के बाद ऐसे कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं जब कोरोना संदिग्ध बताकर मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया और उसकी मौत हो गई। ताजा मामला कर्नाटक के रायचूर का है, यहां एक गर्भवती महिला को समय पर इलाज न मिल पाने की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी।

कर्नाटक के रायचूर की रहने वाली गर्भवती महिला को जब लेबर पेन शुरू हुआ तो उसे रायचूर जिले में मानवी तलिक प्राथमिक चिकित्सा केंद्र ले जाया गया है। अस्पताल ने महिला को भर्ती करने से मना कर दिया। उसे सिंधानुर के सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां चिकित्साकर्मियों ने महिला की हालत नाजुक बताते हुए उसका प्राथमिक उपचार किया। गर्भवती के पिता ने बताया कि कुछ ही घंटों बाद यहां से भी महिला को दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया। चिकित्साकर्मियों ने कहा कि महिला का तुरंत ऑपरेशन कर डिलेवरी करानी होगी अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं है।

इसके बाद महिला को सिंधानुर जिले में स्थित वीरा गंगाधरा अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे भर्ती कर लिया गया। महिला ने अस्पताल में भर्ती होने के अगले दिन बच्चे को जन्म दिया। ऑपरेशन के बाद महिला की स्थिति बिगड़ती ही जा रही थी। हालत नाजुक होते देख महिला को रायचूर आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के लिए रेफर कर दिया गया। रिम्स में भर्ती होने के बाद भी महिला का फीवर ठीक नहीं हुआ और 20 अप्रैल को उसकी मौत हो गई।

टीओआई के मुताबिक वीरा गंगाधरा अस्पताल की डॉक्टर अभिनेत्री पाटिल ने बताया कि महिला को जब अस्पताल में भर्ती कराया गया तब उसका हिमोग्लोबीन लेवल जरूरत से ज्यादा कम था। दवा देने के बाद भी महिला का फीवर नहीं जा रहा था। महिला का मलेरिया और डेंगू का टेस्ट कराया गया, जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आई। कोविड-19 का भय होने के कारण महिला को रिम्स ले जाने के लिए कहा गया। जिले के चिकित्सा अधिकारी रामा कृष्णा ने कहा कि मामले को संज्ञान लिया जाएगा।

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