डीटीसी बस खरीद: भाजपा विधायक के खिलाफ आप मंत्री की याचिका पर हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला
By भाषा | Published: August 27, 2021 07:26 PM2021-08-27T19:26:23+5:302021-08-27T19:26:23+5:30
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की मानहानि याचिका पर एक पक्षीय अंतरिम आदेश देगा। गुप्ता ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद में कथित अनियमितताओं को लेकर बयान दिया था। न्यायमूर्ति आशा मेनन ने गहलोत के वकील को सुनने के बाद कहा, “प्रतिवादियों की ओर से कोई पेश नहीं हुआ। हम इसमें आदेश पारित करेंगे।”गहलोत की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने कहा कि उनके राजनीतिक विरोधी गुप्ता ने उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा क्लीन-चिट दिए जाने के बावजूद लो फ्लोस बसों की खरीद के संदर्भ में मंत्री की ईमानदारी पर संदेह करते हुए कई ट्वीट किए। नायर ने कहा, “दिल्ली सरकार ने बसों के लिए निविदा जारी की थी। तय प्रक्रिया के बाद, इसे टाटा को प्रदान किया गया (लेकिन) हर तरह के आरोप लगाए गए। एक उच्चाधिकार समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सबकुछ उचित तरीके से हुआ।”उन्होंने कहा, “रिपोर्ट के बावजूद, कई ट्वीट में मुझे संदिग्ध ईमानदारी वाला व्यक्ति बताया गया।”अदालत को बताया गया कि सदन के पटल पर यद्यपि इस मुद्दे को लेकर चर्चा हुई और मंत्री ने इसपर जवाब भी दिया लेकिन गुप्ता ने अनुचित बयान देना जारी रखा। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, “आप एक जिम्मेदार विधायक हैं..(यह) सदन के पटल पर उठाया गया और मैंने जवाब भी दिया। मैं महोदया से संरक्षण के लिये अंतरिम आदेश पारित करने का अनुरोध करता हूं।”गहलोत ने अपने दीवानी मानहानि मुकदमे में लो फ्लोर बसों की खरीद में अनियमितता के संबंध में कथित तौर पर निंदनीय बयान देने के लिये पांच करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है। याचिका में गुप्ता की कथित मानहानिकारक टिप्पणियों को सोशल मीडिया से हटाने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
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