बाबासाहब आम्बेडकर की वह 5 चर्चित किताबें, जिन्हें माना जाता है कालजयी...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 14, 2022 11:15 AM2022-04-14T11:15:02+5:302022-04-14T14:21:10+5:30

आज 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव आम्बेडकर की जयंती है जिन्हें पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण दलित नेता के रूप में जाना जाता है। बाबा साहब ने कई महत्वपूर्ण किताबें लिखीं जिन्होंने सामाजिक बुराइयों और खासकर जाति व्यवस्था पर कड़ा प्रहार किया।

dr bhimrao ambedkar jayanti 5 all time great book | बाबासाहब आम्बेडकर की वह 5 चर्चित किताबें, जिन्हें माना जाता है कालजयी...

बाबासाहब आम्बेडकर की वह 5 चर्चित किताबें, जिन्हें माना जाता है कालजयी...

Highlightsअम्बेडकर एक विद्वान, एक समाज सुधारक, एक राजनेता और एक धार्मिक विचारक थे।बाबा साहब ने कई महत्वपूर्ण किताबें लिखीं जिन्होंने खासकर जाति व्यवस्था पर कड़ा प्रहार किया।

आज 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव आम्बेडकरकी जयंती है। आमतौर पर बाबासाहब आम्बेडकर को भारतीय-संविधान के निर्माता के तौर पर याद किया जाता है लेकिन उन्होंने अर्थशास्त्र, धर्म-दर्शन, राजनीतिक एवं विधि व्यवस्था, सामाजिक व्यवस्था एवं सामाजिक सुधार इत्यादि विविध विषयों पर मौलिक स्थापनाएँ एवं व्याख्याएँ प्रस्तुत कीं।

बाबासाहब ने कई महत्वपूर्ण किताबें लिखीं जिन्होंने सामाजिक बुराइयों और खासकर जाति व्यवस्था पर कड़ा प्रहार किया। आज हम आपको ऐसी ही पांच किताबों के बारे में बताएंगे:

1. जाति का विनाश (1936)

डॉ. आम्बेडकर ने 1936 में अपनी दूसरी पुस्तक द एनीहिलेशन ऑफ कास्ट अंग्रेजी में प्रकाशित की थी। इसमें तत्कालीन जाति व्यवस्था का घोर विरोध किया गया एवं उस समय के धार्मिक नेताओं का भी विरोध किया गया। 

वे ‘जाति का विनाश’ में वर्णव्यवस्था की कटु आलोचना करते हुए उसे दुनिया की सबसे वाहियात व्यवस्था बताते हैं। उनके अनुसार जाति ही भारत को एक राष्ट्र बनाने के मार्ग में सबसे बड़ा अवरोध है।

2. पाकिस्तान या भारत का विभाजन

अपनी इस किताब में डॉ. आम्बेडकर भारत के विभाजन के कारणों की पड़ताल करते हैं और उसके लिए गांधी और नेहरू और जिन्ना तीनों को जिम्मेदार ठहराते हैं। यह किताब हमें आज भी नरे सिरे विभाजन पर सोचने पर विवश करती है।

3. गांधी और अछूतों की मुक्ति (1943)

अपनी इस किताब में आम्बेडकर दुनिया के बुद्धिजीवियों और स्वतंत्रता-प्रेमी लोगों को सभी दलितों की दुर्दशा के बारे में बताते हैं। वह लिखते हैं कि भारत के 6 करोड़ अछूतों की तुलना दुनिया के किसी भी अन्य उत्पीड़ित और शोषित समुदायों से नहीं की जा सकती है।

4. राज्य और अल्पसंख्यक (1947)

पुस्तक में अनुसूचित जातियों के मौलिक अधिकारों और कृषि, बड़े और बुनियादी उद्योगों, बैंकों, बीमा आदि के राष्ट्रीयकरण के प्रस्ताव शामिल हैं। यह आम्बेडकर की आर्थिक नीतियों, जिसे 'राज्य समाजवाद' के रूप में जाना जाता है, विस्तार से बताता है।

5.  बुद्ध और उनका धम्म (1957)

अपनी इस किताब में डॉ आम्बेडकर गुरु, बुद्ध की शिक्षाओं की अपने शब्दों में व्याख्या करते हैं। इसमें वह बुद्ध के जीवन और बौद्ध धर्म के सिद्धांतों के बारे में बताने के साथ ही उनका अपने जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को भी रेखांकित करते हैं।

वह 'स्वतंत्रता' और 'समानता' के बजाय बुद्ध के 'बंधुत्व' के विचार से अत्यधिक प्रेरित होते हैं और 'बंधुत्व' शब्द को संविधान की प्रस्तावना में भी शामिल कराते हैं।

Web Title: dr bhimrao ambedkar jayanti 5 all time great book

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