'चिल्लाइए मत, आवाज नीचे करिए': सीजेआई ने आरजी कर अस्पताल मामले की सुनवाई के दौरान वकील और भाजपा नेता कौस्तव बागची को लगाई फटकार
By रुस्तम राणा | Published: September 9, 2024 06:20 PM2024-09-09T18:20:21+5:302024-09-09T18:20:27+5:30
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने वकील कौस्तव बागची को अपनी आवाज ऊंची करने के लिए चेतावनी दी और बेंच को संबोधित करते समय "अपना स्वर कम करने" के लिए कहा।
नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल मामले की सुनवाई के दौरान वकील और भाजपा नेता कौस्तव बागची को फटकार लगाई। सीजेआई ने वकील को अपनी आवाज ऊंची करने के लिए चेतावनी दी और बेंच को संबोधित करते समय "अपना स्वर कम करने" के लिए कहा।
सीजेआई ने वकील और भाजपा नेता कौस्तव बागची को फटकार लगाते हुए कहा, "क्या आप अदालत के बाहर गैलरी को संबोधित करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं पिछले दो घंटों से आपके व्यवहार को देख रहा हूं, क्या आप पहले अपना स्वर कम कर सकते हैं...सीजेआई की बात सुनिए। अपनी आवाज ऊंची मत करो, अपनी आवाज कम करो।"
प्रधान न्यायाधीश ने आगे कहा, "आप अपने सामने बैठे न्यायाधीशों को संबोधित कर रहे हैं, न कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म पर इस कार्यवाही को देख रहे विशाल दर्शकों को।" पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश की इस टिप्पणी से सहमति जताई कि वकील कौस्तव बागची "अदालत के बाहर गैलरी को संबोधित करने की कोशिश कर रहे थे।"
CJI to Koustav Bagchi: Are you trying to address the gallery outside the court? I have been observing your demeanour for the last two hours. First lower your speech. Listen to the Chief Justice. Don't raise your voice. Lower your speech. You are addressing three judges not the… pic.twitter.com/VGnmSuQdFU
— Sandipan Mitra (@SMitra_) September 9, 2024
9 अगस्त को कोलकाता के आर.जी. कर अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद पश्चिम बंगाल में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई डॉक्टर के पोस्टमार्टम के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ की कमी पर चिंता जताई और सीबीआई से इस मामले की जांच करने को कहा।
शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों को मंगलवार शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया और कहा कि काम पर लौटने पर उनके खिलाफ़ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। शीर्ष अदालत ने बलात्कार और हत्या की घटना में कोलकाता पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने में कम से कम 14 घंटे की देरी पर भी चिंता जताई। शीर्ष अदालत ने सीबीआई को मामले की जांच पर 17 सितंबर तक एक नई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।