‘मुस्लिम व्यक्ति के हाथ से न भेजें खाना’, ग्राहक के अजीबो-गरीब रिक्वेस्ट पर विवाद, कांग्रेस नेता समेत अन्य लोगों ने जताई आपत्ति
By आजाद खान | Published: September 1, 2022 09:16 AM2022-09-01T09:16:24+5:302022-09-01T09:22:09+5:30
इस मुद्दे पर लंगाना में ऐप और गिग वर्कर्स के एक संगठन के प्रमुख शाइक सलाउद्दीन ने भी ट्वीट कर आपत्ति जताई है और कार्रवाई की मांग की है। इस पर कांग्रेस नेता कार्ति पी. चिंदबरम ने भी अपनी बात रखी है।
हैदराबाद:तेलंगाना के हैदराबाद में एक ग्राहक द्वारा फूड डिलीवरी कंपनी से किसी मुस्लिम फूड डिलीवरी मैन से खाना नहीं भेजवाने के इंस्ट्रक्शन देनी की बात सामने आई है। बताया जाता है कि ग्राहक बतौर लिखित में यह कहा है कि उसे किसी मुस्लिम फूड डिलीवरी मैन से खाना नहीं चाहिए।
ऐसे में सोशल मीडिया पर ग्राहक द्वारा कंपनी को दी गई यह स्पेशल इंस्ट्रक्शन जमकर वायरल हो रही है। सोशल मीडिया यूजर्स इस पर तरह-तरह के रिएक्शन्स भी दे रहे है। इस मुद्दे पर नेताओं ने भी ट्वीट किया है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, एक फूड डिलीवरी कंपनी द्वारा एक ग्राहक ने 29 अगस्त को एक आर्डर किया था। यह आर्डर उसके घर महादेवपुरी से 3 किमी की दूरी पर किया था। शख्स ने आर्डर के दौरान बतौर स्पेशल इंस्ट्रक्शन में यह लिखा था कि उसे खाना देने के लिए किसी मुस्लिम फूड डिलीवरी मैन (Don't want a Muslim delivery person) को मत भेजना।
ऐसे में ग्राहक द्वारा की गई यह रिक्वेस्ट अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और लोग इस पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रया दे रहे हैं।
नेता संग अन्य ने की कार्रवाई की मांग
जब ग्राहक द्वारा की गई यह रिक्वेस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी तब नेता संग अन्य लोगों ने इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। इस मसले को लेकर तेलंगाना में ऐप और गिग वर्कर्स के एक संगठन के प्रमुख शाइक सलाउद्दीन ने एक ट्वीट किया है और इसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
वहीं इसी ट्वीट पर कांग्रेस के नेता और शिवगंगा से सांसद कार्ति पी. चिंदबरम ने अपनी राय भी रखी है और ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट में कहा, "प्लेटफॉर्म कंपनियां इस मामले में चुपचाप नहीं बैठ सकती। वो धर्म के नाम पर गिग वर्कर्स के साथ हो रही इस तरह की धर्मांधता को देखती नहीं रह सकती, उन्हें देखना होगा कि गिग वर्कर्स को क्या-क्या झेलना होता है।"
इस पर कांग्रेस के नेता ने आगे कहा, "गिग वर्कर्स के अधिकारों की सुरक्षा के लिए ये कंपनियां किस तरह का कदम उठाएंगी?"