दिवाली खुश कर रही है कश्‍मीरियों को, सूखे मेवों की बिक्री हो रही रिकार्ड तोड़

By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 7, 2023 12:16 PM2023-11-07T12:16:02+5:302023-11-07T12:23:46+5:30

यह पूरी तरह से सच है कि कश्मीरी बादाम से लेकर काजू, क्रैनबेरी, पिस्ता और अन्य सूखे मेवों की किस्मों की बिक्री पिछले दो सप्ताह से बढ़ी है।

Diwali is making Kashmiris happy sales of dry fruits are breaking records | दिवाली खुश कर रही है कश्‍मीरियों को, सूखे मेवों की बिक्री हो रही रिकार्ड तोड़

फाइल फोटो

Highlightsकश्मीरी बादाम से लेकर काजू, क्रैनबेरी, पिस्ता की बिक्री पिछले दो सप्ताह से बढ़ी हैदिवाली भी कश्‍मीरियों के लिए एक आकर्षक त्योहार साबित हो रहा है।ड्राई फ्रूट विक्रेताओं के पास अच्छी संख्या में ग्राहक आ रहे हैं, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं

जम्‍मू: कश्‍मीरियों के लिए इस बार खुश होने का एक और कारण इस बार की दिवाली पर जुड़ गया है। दिवाली से पहले कश्मीर में सूखे मेवों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण उनकी खुशी का अंत नहीं है।

यह पूरी तरह से सच है कि कश्मीरी बादाम से लेकर काजू, क्रैनबेरी, पिस्ता और अन्य सूखे मेवों की किस्मों की बिक्री पिछले दो सप्ताह से बढ़ी है। ड्राई फ्रूट विक्रेताओं ने कहा कि दिवाली पर दोस्तों और परिवारों को ड्राई फ्रूट उपहार में देने की परंपरा को देखते हुए दिवाली भी उनके लिए एक आकर्षक त्योहार साबित हो रहा है। 

हालांकि, इस साल सूखे मेवों की जो जबरदस्‍त बिक्री में हुई है, वह त्योहारी सीजन के दौरान कश्मीर में पर्यटकों की भारी भीड़ के कारण भी है। श्रीनगर के रहने वाले थोक ड्राई फ्रूट विक्रेता नूर दीन आजाद ने कहा कि वर्तमान में मांग उच्च स्तर पर है। ड्राई फ्रूट विक्रेताओं के पास अच्छी संख्या में ग्राहक आ रहे हैं, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं, जो घर जाने से पहले ड्राई फ्रूट खरीदते हैं।

उन्होंने कहा, रोशनी के त्योहार तक शेष दिनों में मांग और भी अधिक हो सकती है। उनके बकौल, कश्‍मीर में आने वाला हर पर्यटक कम से कम 2-4 किलोग्राम सूखे मेवे खरीदता है। अभी कीमत भी बहुत अनुकूल है। यह पूरी तरह से सच है कि ड्राई फ्रूट विक्रेता कोविड-19 और अफगानिस्तान संघर्ष के दौरान प्रमुख पीड़ितों में से एक थे। और अब पिछले दो सालों से पर्यटकों की भीड़ बढ़ने के साथ ही उन्होंने भी वापसी की है।

श्रीनगर के एक अन्य ड्राई फ्रूट विक्रेता अमीन बिन खालिक का कहना था कि स्थानीय अखरोट के अलावा ड्राई फ्रूट की बिक्री संतोषजनक है। वे कहते थे कि बिक्री अच्छी है, खासकर दिवाली की पूर्व संध्या पर। लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि कश्मीर में ड्राई फ्रूट उद्योग अभी फलफूल रहा है। दिवाली पर, कई प्रकार के सूखे मेवे बिकते हैं, जिनमें ज्यादातर बादाम और अखरोट शामिल हैं।

कैलिफ़ोर्नियाई और चिली अखरोट के आने से कश्मीरी बाजार में पड़ रहा है प्रभाव

हालांकि, खलीक का कहना था कि कैलिफ़ोर्नियाई और चिली अखरोट के कश्‍मीर में प्रवेश के कारण स्थानीय अखरोट का बाज़ार लगभग कम हो गया है। खलीक ने कहा कि पहले हमारे अखरोट दिवाली के दौरान हॉट केक की तरह बिकते थे। अब, कैलिफ़ोर्नियाई और चिली अखरोट पूरे भारत में ग्राहकों द्वारा सबसे अधिक पसंद किए जाते हैं। इसका कारण यह है कि अगर कश्मीरी अखरोट की तुलना की जाए तो कैलिफोर्निया के अखरोट की गुणवत्ता बेहतर होती है।

उन्होंने कहा कि इस साल कश्मीर में अखरोट की फसल बीमारियों की चपेट में आ गई है, जिससे इसका बाजार और प्रभावित हुआ है। पारंपरिक दिवाली बाजार के अलावा, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी कश्मीर में ड्राई फ्रूट व्यापार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ड्राई फ्रूट्स की ऑनलाइन बिक्री में तेजी आई है, जिससे पूरे भारत के ग्राहक इन उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों तक आसानी से पहुंच पा रहे हैं।

Web Title: Diwali is making Kashmiris happy sales of dry fruits are breaking records

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