ग्राम स्तर पर नोडल अधिकारी तैनात कर बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित करें : योगी आदित्यनाथ
By भाषा | Published: September 4, 2021 11:03 PM2021-09-04T23:03:06+5:302021-09-04T23:03:06+5:30
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी बाढ़ पीड़ितों को जरूरी वस्तुओं से युक्त राहत पैकेट का वितरण किया जाए और प्रत्येक राहत पैकेट में चावल, आलू, दाल, रिफाइण्ड तेल समेत रोजमर्रा की आवश्यक चीजें मौजूद हों। आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि ग्राम स्तर पर नोडल अधिकारी तैनात कर राहत सामग्री का वितरण किया जाए। बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर निकले मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने शनिवार को दूसरे दिन सिद्धार्थनगर, महाराजगंज और गोरखपुर जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य करने के निर्देश दिये। इसके पहले आदित्यनाथ ने शुक्रवार को देवीपाटन मंडल के बहराइच,गोंडा और बलरामपुर जिलों का दौरा किया था। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि प्रदेश सरकार बाढ़ पीड़ितों के साथ खड़ी है और उनकी सहायता के लिए प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 से 20 जिले बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे हैं और इन जिलों के लगभग 200 गांव और करीब दो लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। उन्होंने कहा,“ 400 ऐसी ग्राम पंचायते हैं, जहां पर फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। जनपद सिद्धार्थनगर की पांच तहसीलें-इटवा, शोहरतगढ़, डुमरियागंज, बांसी एवं नौगढ़ बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें डुमरियागंज और नौगढ़ तहसीलें सर्वाधिक प्रभावित हैं।” शनिवार को डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के शाहपुर मण्डी परिषद के परिसर में बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि प्रदान करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि दो हफ्ते से हो रही भारी बारिश के कारण राप्ती, बूढ़ी राप्ती, घोंघी तथा कूड़ी नदी का जलस्तर बढ़ जाने से बाढ़ का पानी आस-पास के इलाकों तक चला गया है। उन्होंने कहा कि डुमरियागंज तथा नौगढ़ तहसील के लोगों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को 10 किलोग्राम चावल, दो किलोग्राम दाल, नमक, आटा, मसाला, तेल सहित अन्य वस्तुएं दी जा रही हैं और जानवरों के लिए चारे की पूरी व्यवस्था करायी गयी है। आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ से जिन किसानों की फसल नष्ट हो गयी है, उन किसानों की सूची उपलब्ध कराने का प्रशासन को निर्देश दिया गया है तथा उन्हें फसल क्षति की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश में जिन लोगों के घर गिर गये हैं, उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। आदित्यनाथ ने महराजगंज जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने शाहाबाद के जी.एस. पब्लिक इण्टर कॉलेज में स्थापित बाढ़ राहत केन्द्र पहुंचकर बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने फरेन्दा और सदर तहसील का निरीक्षण कर बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा युद्धस्तर पर राहत कार्य कराए जा रहे हैं। केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी सहित जिले के सभी जनप्रतिनिधि बचाव व राहत कार्य में प्रशासन का मार्गदर्शन एवं सहयोग कर रहे हैं। आदित्यनाथ ने आज फिर दोहराया कि बाढ़ के कारण किसी की मृत्यु हो जाने पर उसके आश्रितों को चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा एवं पशुधन का नुकसान होने पर भी आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के तहसील सहजनवा में बाढ़ राहत सामग्री वितरित की और पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पीड़ितों के साथ सरकार खड़ी है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बाढ़ प्रभावित कुशीनगर, तमकुहीराज क्षेत्र में नाव में बैठकर बाढ़ से हुई बर्बादी व डूबी फसलों का जायजा लिया और पीड़ित किसानों से मिलकर बातचीत की और उनका दुख जाना व हर संभव मदद और साथ खड़े रहने का भरोसा दिया। शनिवार को कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी बाढ़ पीड़ितों की समय से मदद करने और उनका दर्द समझने के बजाए बाढ़ पीड़ितों के जख्मो पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं। आश्चर्य है कि मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के उसी पूर्वाचल क्षेत्र से आते है जहां प्रत्येक वर्ष बाढ़ तबाही मचाती है, लेकिन वह साढे़ चार साल में भी कोई ठोस इंतजाम न कर अंजान बने रहे।
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