तोक्यो में जापान और अमेरिका के मंत्रियों की बैठक में हुई चीन पर चर्चा

By भाषा | Updated: March 16, 2021 19:01 IST2021-03-16T19:01:30+5:302021-03-16T19:01:30+5:30

Discussion on China in Japan and US ministers meeting in Tokyo | तोक्यो में जापान और अमेरिका के मंत्रियों की बैठक में हुई चीन पर चर्चा

तोक्यो में जापान और अमेरिका के मंत्रियों की बैठक में हुई चीन पर चर्चा

तोक्यो, 16 मार्च (एपी) जापान और अमेरिका ने मंगलवार को संयुक्त रूप से एशिया में चीन की ‘जोर-जबरदस्ती और आक्रमकता’ की आलोचना की।

दरअसल राष्ट्रपति जो बाइडन के सत्ता में आने बाद दोनों देशों में शीर्ष मंत्रियों के स्तर पर आज पहली बातचीत हुई है।

अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने जापानी समकक्षों रक्षा मंत्री नोबुओ किशि और विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटोगी के साथ ‘टू प्लस टू’ वार्ता की। बातचीत के बाद ब्लिंकन ने कहा कि क्षेत्र में लोकतंत्र और मानवाधिकार को चुनौती दी जा रही है और अमेरिका मुक्त और स्वतंत्र हिन्दी-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेगा।

ब्लिंकन ने कहा कि बाइडन प्रशासन अमेरिका के सहयोगियों और क्षेत्र में चीन तथा उसके सहयोगी उत्तर कोरिया से चुनौती महसूस करने वालों के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, ‘‘चीन अगर अपने हित में जोर-जबरदस्ती और आक्रमकता अपनाता है तो जरुरत पड़ने पर हम उसे पीछे धकेलेगे।’’

वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में मंत्रियों ने चीन के शिंजियांग प्रांत में मानवाधिकारों के उल्लंघन, ‘दक्षिण चीन सागर में गैरकानूनी समुद्री क्षेत्र के दावों और गतिविधियों’, और पूर्बी चीन सागर में जापान के नियंत्रण वाले द्वीपों पर ‘यथा स्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयास’ पर गंभीर चिंता जतायी। गौरतलब है कि चीन पूर्बी चीन सागर में स्थित जापान के नियंत्रण वाले द्वीपों पर अपने हक का दावा करता है। बयान में ताईवान जलडमरुमध्य में भी ‘शांति और स्थिरता’ के महत्व पर जोर दिया गया।

बाइडन प्रशासन के कैबिनेट की पहली विदेश यात्रा के दौरान ब्लिंकन और ऑस्टिन अपने जापानी समकक्षों के साथ कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन पर साथ मिलकर काम करने को जारी हुए। साथ ही दोनों पक्ष उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे और म्यांमा में सैन्य तख्ता पलट से उत्पन्न स्थिति पर भी सहयोग को राजी हुए।

अमेरिका के दोनों शीर्ष मंत्रियों के मंगलवार को जापान पहुंचने के तुरंत बाद उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन की बहन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह अगले चार साल तक ‘‘शांति से सोना चाहता है’’ तो उसे ‘‘कोई बखेड़ा खड़ा नहीं करना चाहिए।’’

किम यो जोंग का मंगलवार को आया बयान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के लिए उत्तर कोरिया का पहला आधिकारिक बयान है।

अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने जापानी मंत्रियों को अमेरिका आने का न्योता देने की जगह अपने दो शीर्ष मंत्रियों को जापान यात्रा पर भेजा है, जो एशियाई देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जापान अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी को अपनी कूटनीतिक और रक्षा नीतियों की नींव का पत्थर मानता है।

‘टू प्लस टू’ वार्ता से पहले विदेश मंत्री मोटेगी के साथ बातचीत के दौरान ब्लिंकन ने कहा था, ‘‘‘‘हमने यूं ही पहली कैबिनेट स्तरीय यात्रा के लिए जापान को नहीं चुना है।’’ उन्होंने कहा कि वह और ऑस्टिन, गठबंधन के प्रति समर्पण को दृढता प्रदान करने और उसे और आगे ले जाने के लिए आए हैं।

उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा पर साथ मिलकर काम कर रहे हैं और ‘‘हमारे साझा मूल्यों का समर्थन कर रहे हैं।’’

ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका और जापान दक्षिण कोरिया के साथ अपनी त्रिपक्षीय साझेदारी के महत्व को पक्का कर रहा है। हालांकि मंत्रियों ने युद्ध के दौरान के मुआवजे को लेकर जापान और दक्षिण कोरिया के बीच तनावपूर्ण संबंधों पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा।

ब्लिंकन के साथ बातचीत के बाद मोटेगी ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने क्षेत्र के समुदी इलाकों में यथा स्थित में बदलाव के चीन के एकतरफा प्रयासों का विरोध किया।

उन्होंने कहा कि दोनों मंत्रियों ने उत्तर कोरिया के पूर्ण परमाणु निशस्त्रीकरण के महत्व पर भी राजी हुए।

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Web Title: Discussion on China in Japan and US ministers meeting in Tokyo

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