Lokmat National Conclave: दिग्विजय सिंह ने गिनाया- सात बार पीएम मोदी ने की विदेश में भारत की 'बदनामी'
By मनाली रस्तोगी | Updated: April 28, 2023 16:14 IST2023-03-14T11:53:36+5:302023-04-28T16:14:35+5:30
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मंगलवार को लोकमत नेशनल कॉन्क्लेव में कहा कि मोदी कई बार विदेश में कांग्रेस की आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पीएम ने सात बार कांग्रेस और पूर्व की सरकारों की आलोचना की, जिसमें अटल जी की सरकार भी शामिल है।

Lokmat National Conclave: दिग्विजय सिंह ने गिनाया- सात बार पीएम मोदी ने की विदेश में भारत की 'बदनामी'
नई दिल्ली: लोकमत पार्लियामेंट्री अवॉर्ड्स-2022 के चौथे संस्करण का पुरस्कार वितरण समारोह आज दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मंगलवार को लोकमत नेशनल कॉन्क्लेव में भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमलावर हुए। उन्होंने कहा कि मोदी कई बार विदेश में कांग्रेस की आलोचना कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम ने सात बार कांग्रेस और पूर्व की सरकारों की आलोचना की, जिसमें अटल जी की सरकार भी शामिल है। दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि वो कहीं फसाद नहीं करते, लेकिन फसादियों से लड़ाई लड़ता रहा हूँ। उन्होंने आगे कहा कि सत्ता पक्ष संसद नहीं चलने दे रहे हैं।
राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल संसद को चलने नहीं दिया। यही नहीं, एनडीए सरकार ने तीन साल तक सुधा भारद्वाज को जेल में रखा। सिंह ने आगे कहा कि कई पत्रकारों को जेल में डाला गया है। एनडीए सरकार में लोकतंत्र खतरे में हैं और एमएलए को खरीदा जा रहा है व कांग्रेस की सरकार गिराई गई।
अपनी बात को जारी रखते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोगों का बुरा हाल कर दिया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने मोदी के खिलाफ बात की है उनके पीछे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) लगी है। ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग को थोपा जा रहा है। नारायण राने भाजपा में जाते ही ठीक हो जाते हैं। सिंह ने भाजपा पर प्रलोभन का आरोप भी लगाया।
हिंदू राष्ट्र के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि संविधान में हिंदू राष्ट्र है क्या। नेपाल में 95 हिंदू हैं। पाकिस्तान इस्लामिक देश है। आज क्या हालत है। ये देश (भारत) सबका है। इतनी विविधता किसी और देश में नहीं मिलेगी। ऐसे देश में ये संभव नहीं है। ये देशहित में नहीं है। सबको समान अधिकार देना ही लोकतंत्र का आधार होता है।
