बिहार: शोभा अहोतकर के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आईजी विकास वैभव की मुश्किलें बढ़ीं, जानें मामला
By एस पी सिन्हा | Published: February 15, 2023 05:16 PM2023-02-15T17:16:20+5:302023-02-15T17:52:06+5:30
महिला अधिकारी का दावा है कि उन्हें अपने पिता से प्रेरणा मिली है। उनके पिता बलराम अहोतकर हैदराबाद में एक्साइज कमिश्नर थे।
पटना: बिहार में होमगार्ड एवं अग्निशमन विभाग की डीजी शोभा अहोतकर के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आईजी विकास वैभव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। गृह विभाग ने आईजी विकास वैभव के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है। इस नोटिस में आईपीएस अधिकारी से पूछा गया है कि आपने ऑफिस ऑफ सीक्रेट नियम का उल्लंघन क्यों किया? साथ ही यह भी पूछा गया कि इस तरह से ट्वीट करना कहीं से अधिकारियों के लिए सही नहीं है।
दरअसल, आईजी विकास वैभव ने अपने ही विभाग गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवाएं की डीजी शोभा ओहतकर पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि डीजी मैडम ने मुझे तीन बार सभी के पास ब्लडी आईजी कहा। इस वजह से मैं काफी विचलित और मानसिक रूप से द्रवित हो उठा। बैठक के बाद हुए अपमान के कारण मुझे पूरी रात नींद नहीं आई और रात में मैंने ट्वीट कर दिया।
हालांकि बाद में मुझे लगा कि ट्वीट न करके मुझे सरकार को अवकाश के लिए आवेदन देना चाहिए। बाद में मैंने ट्वीट डिलीट कर दिया। उधर, दोनों के बीच तकरार बढ़ने पर डीजी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर आईजी से स्पष्टीकरण मांगा।
अपने ऊपर लगे आरोपों के बाद डीजी शोभा ओहतकर ने विकास वैभव को कारण बताओ नोटिस जारी कर कहा है कि उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से शोभा ओहतकर पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया है। इस आचरण से अखिल भारतीय सेवा आचार नियमावली 1968 के नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है।
इस मामले में उन पर नोटिस जारी हो गया और 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया था। नोटिस में विकास वैभव द्वारा लगाए गए आरोपों को विभाग ने कानून का उल्लंघन और बेबुनियादबताया गया था। यहां उल्लेखनीय है कि शोभा अहोतकर को कड़क मिजाज का आईपीएस अधिकारी माना जाता है। उन्हें सख्त स्वभाव के कारण हंटरवाली आईपीएस भी कहा जाता है। शोभा अहोतकर 1990 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं।
शोभा अहोतकर निर्भीक, निष्पक्ष, ईमानदार और बेहद सख्त पुलिस अधिकारी के रूप में जानी जाती हैं। शोभा अहोतकर का मानना है कि वे भले ही महाराष्ट्र की रहने वाली हों, लेकिन बिहार में उन्हें जितना प्यार मिला उतना महाराष्ट्र में नहीं मिला।
बताया जाता है कि 22 साल की उम्र में ही शोभा उठकर ने पुलिस की नौकरी ज्वाइन कर ली थी। एक हंटरवाली पुलिस अधिकारी के रूप में विख्यात था शोभा अहोतकर का मानना है कि पुलिस विभाग में अनुशासन बनाए रखना बेहद जरूरी होता है।
किसी भी महकमे में अनुशासन लाने के लिए करा रुख अपनाना ही पड़ता है। इस महिला आईपीएस अधिकारी को इस बात पर पूरा यकीन है कि कड़ा रुख अख्तियार करने पर लोग नियम कायदे का फॉलो करते हैं। शोभा अहोतकर को हमेशा बिहार वासियों से प्यार और सम्मान मिला है।
महिला अधिकारी का दावा है कि उन्हें अपने पिता से प्रेरणा मिली है। उनके पिता बलराम अहोतकर हैदराबाद में एक्साइज कमिश्नर थे। आज शोभा अहोतकर जो भी हैं, वह इसका श्रेय अपने पिता को देती हैं।