चैत्र नवरात्रि पर वैष्णो देवी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी, श्राइन बोर्ड का नया रिकार्ड बनने को तैयार

By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 2, 2022 05:00 PM2022-04-02T17:00:13+5:302022-04-02T17:00:48+5:30

वैष्णो देवी की यात्रा में शिकरत कर रहे हजारों श्रद्धालुओं के मन में उल्लास है, खुशी है। इस खुशी को पुख्ता करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती भी की गई है ताकि आतंकी या अन्य तत्व मौके का फायदा न उठा सकें।

Devotees thronged Vaishno Devi on the first day of Chaitra Navratri, ready to set a new record for Shrine Board | चैत्र नवरात्रि पर वैष्णो देवी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी, श्राइन बोर्ड का नया रिकार्ड बनने को तैयार

चैत्र नवरात्रि पर वैष्णो देवी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी, श्राइन बोर्ड का नया रिकार्ड बनने को तैयार

Highlightsश्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों को किया गया तैनात चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कटरा के बेस कैंप में श्रद्धालुओं की बंपर भीड़श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देख स्थानीय व्यापारी के चेहरों में दिखाई दी मुस्कान

कटरा, जम्मू: कोरोना के दो सालों की पाबंदियों के हटते ही वैष्णो देवी के तीर्थस्थान पर उमड़ी भीड़ स्थानीय व्यापारियों को खुशी के पल तो दे रही है पर वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधिकारी अभी भी चिंतित हैं। उनकी चिंता के कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं द्वारा फिलहाल कोई रिकार्ड कायम नहीं कर पाने की है। दूसरी चिंता इस साल के पहले दिन की घटना की पुनर्रावृत्ति के डर की है जब 12 श्रद्धालु पहली बार हुई भगदड़ में दब कर जान गंवा बैठे थे।

हालांकि दो साल के बाद उन्मुक्त होकर वैष्णो देवी की यात्रा में शिकरत कर रहे हजारों श्रद्धालुओं के मन में उल्लास है, खुशी है। इस खुशी को पुख्ता करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती भी की गई है ताकि आतंकी या अन्य तत्व मौके का फायदा न उठा सकें। ऐसा उन रपटों के बाद किया गया है जिनमें कहा जा रहा है कि आतंकी कुछ बड़ा कर सकते हैं।

यह सच है कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कटरा के बेस कैंप में तिल धरने की जगह नहीं है। पर एक होटल व्यावसायी धरूण शर्मा अधिक खुश नजर नहीं आए। कारण स्पष्ट था। वे कहते थे कि कटरा में रेल आने और अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन बन जाने के कारण छोटे होटलों और सरायों का धंधा खात्मे के कगार पर है क्योंकि सुबह जल्दी कटरा पहुंच कर शाम को वापसी की चाहत लेकर आने वाले श्रद्धालु अधिक जेब ढीली नहीं करते थे।

दरअसल श्राइन बोर्ड भी अनावश्यक भीड़ एकत्र नहीं होने देना चाहता। इसके लिए भीड़ नियंत्रण की खातिर विशेषज्ञों की सहायता ली जा रही है। पहली जनवरी के हादसे के बाद तो पांच सालों से बंद उस पर्ची सिस्टम को भी फिर से चालू किया जा चुका है जो ग्रुप संख्या के आधार पर श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने की अनुमति देता था। इसकी खातिर कई स्थानों पर बैरिकेड भी बनाए गए हैं जहां ग्रुप संख्या के मुताबिक ही श्रद्धालुओं को आगे छोड़ा जा रहा था।

हालांकि श्राइन बोर्ड के अधिकारी चाहते हैं कि इस साल आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक नया रिकार्ड बनाए। वर्ष 2012 में पहली बार श्रद्धालुओं की संख्या ने एक करोड़ का आंकड़ा पार किया था। उसके बाद यह लगातार चार सालों तक ढलान पर रही। फिर दो साल इसमें बढ़ौतरी तो हुई पर कोरोना के दो सालों ने इसकी बाट लगा दी। कोरोना काल में तो यह हाल था कि वर्ष 2020 में अप्रैल से जुलाई तक यात्रा के बंद रहने के कारण साल में मात्र 17 लाख श्रद्धालु ही आए थे।

इतना जरूर था कि पिछले महीने के आंकड़ों ने श्राइन बोर्ड के साथ ही कटरा के व्यापारियों को खुशी दी है। पिछले महीने 77.86 लाख श्रद्धालु आए हैं। इस साल के पहले तीन महीनों में आने वाले 15.78 लाख श्रद्धालुओं ने पिछले साल का अपना रिकार्ड तोड़ दिया है। पिछले साल के पहले तीन महीनों के अनुपात में इस साल 2.55 लाख श्रद्धालु अधिक तो आए हैं पर श्राइन बोर्ड की रिकार्ड की उम्मीद को पूरा करने के लिए उसे प्रतिदिन 36000 श्रद्धालुओं की जरूरत है ताकि इस साल आने वालों की संख्या एक करोड़ के आंकड़े को पार कर सके।

यह पूरी तरह से सच है कि चाहे कश्मीर की ओर बढ़ते पर्यटकों के कदमों को आतंकियों की गोलियों की सनसनाहट ने अक्सर रोका हो लेकिन बमों के धमाके भी वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं को कभी नहीं रोक पाए। हालांकि पहले नवरात्रों के दौरान अधिक भीड़ होती थी तो अब गर्मियों में उत्तरी भारत तथा सर्दियों में महाराष्ट्र तथा गुजरात से आने वाले श्रद्धालुओं के कारण स्थानीय व्यापारियों को श्रद्धालुओं की कमी नहीं खलती है।

पहले सर्दियों में आने वालों की संख्या बहुत ही कम होती थी। भयानक सर्दी तथा अव्यवस्थाओं के चलते लोग सर्दियों के स्थान पर साल के अन्य महीनों में भी गुफा के दर्शनार्थ आते थे। लेकिन पिछले करीब 16 सालों से स्थापना बोर्ड द्वारा बिना शुल्क हीटर, अधिक संख्या में कम्बलों तथा गर्मी पहुंचाने के साधनों का इंतजाम बड़ी मात्रा में किए जाने के कारण सर्दियों में भी बड़ी भीड़ श्रद्धालुओं की आ रही है।

यह बात अलग है कि सर्दियों में वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा पर आने का अपना अलग ही आनंद है। यह आनंद तब और भी बढ़ जाता है जब गुफा के आसपास के क्षेत्र में या तो बर्फबारी हो रही हो या फिर बर्फबारी हो चुकी हो। ऐसे में श्रद्धालु एक पंथ में दो काज संवार लेते हैं। उन्हें कश्मीर या फिर पत्नीटाप नहीं जाना पड़ता बर्फ देखने की खातिर।

चाहे कुछ भी कहा जाए वर्ष 1950 में जिस गुफा के दर्शनार्थ मात्र 3000 लोग आया करते थे उसकी कायाकल्प करने में पूर्व राज्यपाल श्री जगमोहन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जिन्होंने 1986 में इसका संचालन अपने हाथों मे लेकर स्थापना बोर्ड की स्थापना की थी।

यही कारण है कि 72 साल के दौरान गुफा के दर्शनार्थ आने वालों की संख्या सैंकड़ों गुणा बढ़ी है तो वे लोग आज भी श्री जगमोहन का अहसान मानते हैं जो लगातार पिछले कई सालों से पवित्र गुफा के दर्शनार्थ आ रहे हैं क्योंकि अब उनके लिए गुफा के दर्शन सुविधाजनक हो गए हैं।

Web Title: Devotees thronged Vaishno Devi on the first day of Chaitra Navratri, ready to set a new record for Shrine Board

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे