इंजीनियरिंग में गणित-भौतिक शास्त्र को अनिवार्य नहीं बनाने का कदम ‘विनाशकारी’ : वीके सारस्वत

By भाषा | Updated: March 19, 2021 21:02 IST2021-03-19T21:02:41+5:302021-03-19T21:02:41+5:30

'Destructive' step of not making mathematics-physics mandatory in engineering: VK Saraswat | इंजीनियरिंग में गणित-भौतिक शास्त्र को अनिवार्य नहीं बनाने का कदम ‘विनाशकारी’ : वीके सारस्वत

इंजीनियरिंग में गणित-भौतिक शास्त्र को अनिवार्य नहीं बनाने का कदम ‘विनाशकारी’ : वीके सारस्वत

नयी दिल्ली, 19 मार्च नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने शुक्रवार को कहा कि एआईसीटीई का इंजीनियरिंग विषय में प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए गणित और भौतिक शास्त्र विषय को अनिवार्य नहीं करने का फैसला ‘विनाशकारी’ है और इससे शिक्षा की गुणवत्ता में ‘गिरावट’ आएगी।

उन्होंने कहा कि ये विषय इंजीनियरिंग शिक्षा का आधार हैं।

वरिष्ठ वैज्ञानिक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यहां तक जैव चिकित्सा इंजीनियरिंग और जैव प्रौद्योगिकी जैसे इंजीनियरिंग विषय में भी गणित एवं भौतिक शास्त्र के ज्ञान की जरूरत होती है। लचीलापन लाने के नाम पर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के मानकों में ढील देना विनाशकारी होगा क्योंकि तब विद्यार्थी इंजीनियरिंग शिक्षा के बुनियादी तत्वों को आत्मसात नहीं कर पाएंगे।’’

उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने कहा था कि भौतिक, रसायन और गणित विषय इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों का अहम हिस्सा बने रहेंगे लेकिन राज्य सरकारों एवं संस्थानों के लिए यह अनिवार्य नहीं होगा कि इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश उन्हीं विद्यार्थियों को दें जिन्होंने 12वीं की कक्षा में इन विषयों की पढ़ाई की है।

परिषद ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी, टेक्सटाइल और कृषि इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश का विकल्प उन विद्यार्थियों के पास भी होगा जिन्होंने 12वीं कक्षा में इन विषयों की पढ़ाई नहीं की है।

नीति आयोग में सदस्य (विज्ञान) सारस्वत ने कहा, ‘‘इस फैसले से शिक्षा के मानक में और गिरावट आएगी।’’

रक्षा एवं अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व अध्यक्ष सारस्वत ने इससे पहले ट्वीट किया था, ‘‘ इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए गणित और भौतिक शास्त्र को अनिवार्य नहीं बनाने के फैसले का बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा जबकि पहले ही देश की इंजीनियरिंग शिक्षा के मानक में गिरावट आई है। इसपर दोबारा और विस्तृत मंच पर विचार करने की जरूरत है।’’

सारस्वत ने कहा कि उन्होंने अपनी चिंता से प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन को अवगत करा दिया है।

एआईसीटीई के इस कदम की कई धड़ों ने आलोचना की है।

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Web Title: 'Destructive' step of not making mathematics-physics mandatory in engineering: VK Saraswat

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