CAA पर प्रदर्शन, सीएम योगी ने कहा-पुलिस की गोली से कोई नहीं मरा, जो लोग मरे हैं, वे उपद्रवियों की गोली से ही मरे हैं

By भाषा | Published: February 19, 2020 05:06 PM2020-02-19T17:06:49+5:302020-02-19T17:06:49+5:30

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ''सीएए के खिलाफ उपद्रव के दौरान पुलिस की गोली से कोई नहीं मरा। जो लोग मरे हैं, वे उपद्रवियों की गोली से ही मरे हैं।''

Demonstrating at CAA, CM Yogi said - no one died from the police bullet, the people who died are the ones who died from miscreants | CAA पर प्रदर्शन, सीएम योगी ने कहा-पुलिस की गोली से कोई नहीं मरा, जो लोग मरे हैं, वे उपद्रवियों की गोली से ही मरे हैं

सीएए के खिलाफ हिंसा हमें इस बारे में फिर सोचने को मजबूर करती है।

Highlightsलखनऊ समेत कई जिलों में सीएए के खिलाफ दिसंबर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 21 लोगों की मौत हुई थी।पीएफआई, सिमी जैसे संगठन का परिवर्तित नाम है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को दावा किया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ गत 19 दिसंबर को राज्य के विभिन्न जिलों में हिंसा के दौरान एक भी व्यक्ति पुलिस की गोली लगने से नहीं मरा।

योगी ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ''सीएए के खिलाफ उपद्रव के दौरान पुलिस की गोली से कोई नहीं मरा। जो लोग मरे हैं, वे उपद्रवियों की गोली से ही मरे हैं।'' उन्होंने कहा ''अगर कोई व्यक्ति किसी निर्दोष को मारने के लिए निकला है और वह पुलिस की चपेट में आता है, तो या तो पुलिसकर्मी मरे, या फिर वह मरे... किसी एक को तो मरना होगा, लेकिन एक भी मामले में पुलिस की गोली से कोई नहीं मरा है।''

मुख्यमंत्री ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस कार्रवाई की तारीफ करते हुए कहा, ''अगर कोई मरने के लिए आ ही रहा है तो वह जिंदा कैसे हो जाएगा।'' योगी का यह बयान विपक्ष के इन आरोपों के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है कि सीएए विरोधी हिंसा में मरे सभी लोग पुलिस की गोली से ही मारे गए हैं और इस वजह से पुलिस मृतकों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट उनके परिजनों को नहीं दे रही है।

प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में सीएए के खिलाफ दिसंबर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 21 लोगों की मौत हुई थी। योगी ने देश के विभाजन के वक्त पाकिस्तान गए दलित नेता जोगेन्द्र मण्डल को 'गद्दार' करार देते हुए विपक्ष पर कटाक्ष किया और कहा ''एक बड़े षड्यंत्र का पर्दाफाश हुआ है।

पीएफआई, सिमी जैसे संगठन का परिवर्तित नाम है। इन उपद्रवियों के साथ किसी प्रकार की सहानुभूति का मतलब पीएफआई और सिमी जैसे संगठनों का समर्थन है। आप जोगेन्द्र नाथ मण्डल जैसे मत बनिये। देश से गद्दारी करने वालों को गुमनाम मौत के सिवाय कुछ नहीं मिलेगा।''

उन्होंने कहा, ‘‘सीएए के खिलाफ हिंसा हमें इस बारे में फिर सोचने को मजबूर करती है। आंदोलन में पीछे से हिंसा कर रहे लोगों को राजनीतिक संरक्षण मिला था। गत 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा हुई तो मैंने अलीगढ़ प्रशासन को सतर्क रहने को कहा। उस रात 15 हजार छात्र सड़क पर उतरकर अलीगढ़ को जलाना चाहते थे।

अंदर से पहले पत्थर और फिर पेट्रोल बम फेंके गए। उसके बाद असलहे चले। कुलपति के लिखित अनुमति देने पर ही पुलिस अंदर गयी और हल्का बल प्रयोग किया।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब तक तो मैं सोचता था कि अपराधी भी अपने पुत्र—पुत्रियों को अपराधी नहीं बनाना चाहते हैं। मगर यहां कुछ नेता अपने पुत्र—पुत्रियों को देश विरोधी नारे लगाने वालों के बीच भेजते हैं।

आप किस तरफ ले जा रहे हैं? आपको तय करना होगा। आपको बापू के सपने को साकार करना है या जिन्ना के सपने को?’’ गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की बेटी सीएए के खिलाफ लखनऊ के घंटाघर इलाके में पिछले एक महीने से जारी अनिश्चितकालीन प्रदर्शन के दौरान देखी गयी थीं। 

Web Title: Demonstrating at CAA, CM Yogi said - no one died from the police bullet, the people who died are the ones who died from miscreants

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे