राजस्थान में 300 साल पुराने मंदिर पर चला बुलडोजर, कांग्रेस-बीजेपी में सियासी विवाद शुरू
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 22, 2022 04:50 PM2022-04-22T16:50:52+5:302022-04-22T16:50:52+5:30
मंदिर पर चले बुलडोजर को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो गया है। बीजेपी ने जहां कांग्रेस शासित राज्य को इसके लिए कटघरे में खड़ा कर रही है तो वहीं कांग्रेस कह रही है कि यह मंदिर राजगढ़ नगर पालिका में बैठे बीजेपी के बोर्ड द्वारा तुड़वाया गया है।
अल्वर:राजस्थान के अलवर में अतिक्रमण हटाने के नाम पर यहां सराय गोला चक्कर में 300 साल पुराने मंदिर पर बुलडोजर चलाया गया है, जिसके बाद बीजेपी और कांग्रेस में एक नया विवाद शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी जहां कांग्रेस शासित राज्य को इसके लिए कटघरे में खड़ा कर रही है। बीजेपी ने इस पर कहा है कि विकास के नाम पर मंदिर तोड़ना दुखद है। कांग्रेस बदले की राजनीति कर रही है। तो वहीं कांग्रेस कह रही है कि यह मंदिर राजगढ़ नगर पालिका में बैठे बीजेपी के बोर्ड द्वारा तुड़वाया गया है।
बीजेपी के सांसद ने कहा- बोर्ड से हुई गलती
बीजेपी सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने इस कार्रवाई पर ये स्वीकार किया है कि बीजेपी के बोर्ड से यह गलती हुई है। इसे नहीं तोड़ा जाना था। भाजपा अपनी एक टीम मौके पर भेजेगी, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। बुलडोजर से ढहाए जा रहे मंदिर का वीडियो अब तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस कारण यह मामला ज्यादा तूल पकड़ रहा है।
कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया आरोप
कांग्रेस ने कहा कि साल 2018 में बीजेपी मंडल अध्यक्ष ने कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर अतिक्रमण हटाने की सिफारिश की थी। राजगढ़ में भाजपा का बोर्ड है। इसके अध्यक्ष सतीश दुहारिया हैं। बोर्ड बैठक में यह अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पास किया गया था। उसके बाद ही यह अतिक्रमण हटाया गया है। वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा है कि 300 साल पुराना मंदिर अतिक्रमण कैसे हो सकता है।
सितंबर 2021 में अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव हुआ पास
वहीं विवाद बढ़ने के बाद अलवर के कलेक्टर शिव प्रसाद एम नकाते ने एक रिपोर्ट जारी कर ये बताया कि नगर पालिका बोर्ड की दूसरी बैठक में मास्टर प्लान और गौरव पथ में परेशानी बताते हुए 8 सितंबर 2021 को अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। 6 अप्रैल को सभी अतिक्रमण को चिन्हित कर नोटिस जारी किए गए थे।
रास्ते के चौड़ीकरण को लेकर चला बुलडोजर
प्रशासन का कहना है कि यहां मास्टर प्लान के अनुसार, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है। प्रशासन के मुताबिक राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार, यहां करीब 60 फीट का रास्ता है। यह 25 फीट भी नहीं बचा था। इस कारण जेसीबी से अतिक्रमण हटाया गया है।